बिजली की समस्या को समाप्त करने के लिए इस वर्ष जिले में पांच नए स्थानों पर विद्युत शक्ति उपकेंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों की स्थापना से बिजली की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। बिजली विभाग की ओर से इन विद्युत शक्ति उप केंद्रों के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
जिले में बिजली लंबे समय से समस्या रही है। तमाम प्रयासों के बाद भी शहरी इलाके तक को 18 घंटे भी बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ग्रामीण इलाकों में तो विद्युत की आपूर्ति दस से बारह घंटे के बीच ही अटकी हुई है। हालांकि पिछले चार साल से लगातार प्रयास करने से विद्युत आपूर्ति के घंटे में काफी हद तक सुधार हुआ है। गांवों के विद्युतीकरण के कार्य में तेजी आई है। बावजूद इसके अभी भी कई इलाकों में बिजली एक बड़ी समस्या बनी हुई है। विद्युत आपूर्ति की समय अवधि में सुधार नहीं होने के कारण लोगों का आक्रोश बिजली विभाग के अधिकारियों को झेलना पड़ता है। ऐसे में बिजली विभाग ने पंडित दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत पांच स्थानों पर नए विद्युत शक्ति उपकेंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन केंद्रों के चालू होने से विद्युत आपूर्ति के घंटे में सुधार होने की संभावना बिजली विभाग के अधिकारियों ने व्यक्त किया है। अधिकारियों की मानें तो इन केंद्रों की स्थापना से दियारा इलाके के लोगों को अधिक फायदा होगा।
यहां स्थापित होंगे विद्युत शक्ति उपकेंद्र
विभागीय सूत्रों की मानें तो दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत कुल दस स्थानों पर विद्युत शक्ति उप केंद्र स्थापित किया जाना है। इनमें से पांच स्थानों पर शक्ति उप केंद्र स्थापित किए जाने का कार्य प्रारंभ हो गया है। शेष पांच स्थानों जादोपुर दुखहरण, मांझा, कुचायकोट, बलिवन सागर, बैकुंठपुर प्रखंड के गम्हारी तथा बरौली शामिल है। इनमें से दो स्थानों के लिए भूमि चयन का कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। शेष तीन स्थानों के लिए भूमि चयन होने के साथ ही जल्द ही यहां विद्युत शक्ति उप केंद्रों की स्थापना होगी।
तीन लाख की आबादी को होगा फायदा
पांच स्थानों पर नए विद्युत शक्ति उपकेंद्र की स्थापना से कुचायकोट, गोपालगंज, बैकुंठपुर, मांझा तथा बरौली प्रखंड की करीब तीन लाख की आबादी को फायदा होगा। केंद्र की स्थापना के बाद संबंधित इलाके में विद्युत आपूर्ति के घंटे में भी सुधार होगा।
अबतक 1405 गांवों का हुआ विद्युतीकरण
गत वर्ष मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर में बिजली के तहत जब सर्वेक्षण का कार्य किया गया तो पूरे जिले में 1411 गांव ऐसे मिले, जहां विद्युत की आपूर्ति नहीं होती थी। सर्वेक्षण के बाद इन गांवों में बिजली पहुंचाने के कार्य में गति लाई गई। करीब एक साल के प्रयास के बाद इनमें से 1405 गांवों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
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