मांझा थाना क्षेत्र के छितौना गांव में गुरुवार की सुबह चार बजे पुलिस के जवानों के साथ छापेमारी करने गए मांझा थानाध्यक्ष पर कुख्यात धनंजय मिश्रा ने फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में थानाध्यक्ष बाल-बाल बचे। गोली थानाध्यक्ष की अंगुली को छूते हुए निकल गई। हालांकि घायल होने के बाद भी थानाध्यक्ष ने कुख्यात को गिरफ्तार कर लिया। इसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके एक अन्य साथी को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए कुख्यात के पास से एक पिस्तौल, एक कट्टा, चार कारतूस तथा तीन मोबाइल बरामद किया गया है। पुलिस गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने बताया कि मांझा थाना क्षेत्र के टरवा गांव निवासी धनंजय मिश्रा के खिलाफ तीन दिन पूर्व सिपाहाखास पंचायत के मुखिया दीपक गिरी ने रंगदारी मांगने को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। गुरुवार की सुबह मांझा थानाध्यक्ष को सूचना मिली कि सिपाहाखास गांव में मुखिया दीपक गिरी के घर के पास धनंजय मिश्रा घूम रहा है। इस सूचना पर थानाध्यक्ष ने पुलिस के साथ सिपाहाखास गांव में छापेमारी की। लेकिन पुलिस वाहन को देखकर धनंजय मिश्रा बाइक से भागने लगा। जिसका पीछा कर पुलिस ने उसे छितौना गांव में घेर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपने आपको घिरा देख धनंजय मिश्रा ने थानाध्यक्ष पर पिस्तौल से फाय¨रग कर दी। गोली अंगुली को छूते हुए निकल गई। धनंजय मिश्रा की निशानदेही पर पुलिस ने धर्मपरसा गांव में छापेमारी कर इसके गिरोह के सदस्य रंजीत गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि धनंजय मिश्रा सात माह पूर्व ही जेल से छूटा था। जेल से निकलने के बाद वह अपने इलाके में अपनी सक्रियता बढ़ा रहा था। धनंजय मिश्रा ने एक साल पूर्व धर्मपरसा के मुखिया सतेंद्र गुप्ता की मिठाई की दुकान पर भी फायरिंग किया था। इसके खिलाफ हत्या, लूट सहित आधा दर्जन मामले थाना में दर्ज हैं।