उचकागांव पुलिस के कारनामा सामने आयी है. इंज्यूरी रिपोर्ट में हेराफेरी कर साधारण मारपीट की घटना को जानलेवा बना दिया गया. इस मामले में सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट में बुधवार को हथुआ के एसडीपीओ, अनुसंधानकर्ता गुलाम अहमद समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया गया है. पीड़ित के अधिवक्ता खजांची मिश्रा ने बताया कि दीपावली के दिन 28 अक्तूबर को उचकागांव थाना क्षेत्र के बंकीखाल गांव में दो पट्टिदारों के बीच जुआ खेलने को लेकर कन्हैया तिवारी, कुणाल तिवारी, संजीव तिवारी के बीच 100 रुपया हारने के बाद मारपीट हुई. इस मामले में उचकागांव थाना में 227/17 तथा दूसरे पक्ष से 229/17 दर्ज किया गया. कांड संख्या 227 में प्रभुनाथ तिवारी को किसने कहां मारा गया कही नहीं लिखा गया.
घायलों का इलाज हथुआ अस्पताल में कराया गया जहां रिपोर्ट अनिल कुमार चौधरी ने तैयार की. इस मामले में जख्म प्रतिवेदन उपलब्ध हो गया. उसके बाद 30 अक्तूबर 17 को प्रभुनाथ तिवारी 70 वर्ष को-ऑपरेटिव बैंक पैसा लेने गये जहां पहले बीमार थे, वे गिर गये. इलाज के लिए डॉ केएन दुबे के यहां ले जाया गया. जहां उनकी मौत हो गयी. बाद में इन पुलिस अधिकारियों ने मिल कर जख्म प्रतिवेदन में छेड़छाड़ कर इंज्यूरी रिपोर्ट को गृवियस बनाया. इस मामले में कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए सुनवाई शुरू की है. पुलिस के अधिकारियों के अलावे धर्मनाथ तिवारी तथा विजय तिवारी को भी अभियुक्त बनाया गया है. वही हथुआ एसडीपीओ मो इम्तेयाज अहमद ने बताया कि पूरी तरह से झूठा आरोप लगाया गया है.
पुलिस निष्पक्ष जांच में विश्वास रखती है.
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