फुलवरिया थाना क्षेत्र के गोसाई मांझा पंचायत के गोसाई मांझा गांव निवासी पूर्व मुखिया मधुसूदन राय के घर 21 साल पहले हुए फर्जी एनकाउंटर मामले में फरार चल रहे मीरगंज के पूर्व थानाध्यक्ष जफर इमाम का जमानत आवेदन पटना हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए पूर्व थानाध्यक्ष को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट में इस मामले में फरार चल रहे तीनों पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कुर्की जब्ती की प्रक्रिया की सुनवाई भी शुरू हो गई है।
29 अक्टूबर 1998 को मीरगंज थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष जफर इमाम मोस्ट वांटेड अपराधी गुड्डू राय और उसके कुछ साथियों को गिरफ्तार करने के लिए उचकागांव के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनमोल यादव तथा पुलिस पदाधिकारी दिनेश्वर कुमार के साथ छापेमारी करने पहुंचे थे। इस दौरान पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पूर्व मुखिया मधुसूदन सिंह के घर की तलाशी लेने का दबाव बनाया था। लेकिन घर के दरवाजे पर बैठे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के स्नातक के छात्र रहे मधुसूदन सिंह के पुत्र कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ आशु ने किसी भी अपराधी के घर में नहीं होने दावा करते हुए पुलिस को घर की तलाशी लेने से रोकने का प्रयास किया था। इसी दौरान पूर्व मुखिया के पुत्र कृष्ण प्रताप को गोली मार दी गई। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने मोस्ट वांटेड अपराधी गुड्डू राय, अजय राय तथा नन्हे राय की गिरफ्तारी के लिए हुए एनकाउंटर में छात्र को अपराधी घोषित कर दिया था। इस घटना को लेकर गोली के शिकार बने छात्र के रिश्तेदार गणेश स्थान मांझा गांव निवासी अरुण कुमार राय ने तीनों पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध गोपालगंज न्यायालय में फर्जी एनकाउंटर करने का मामला दायर किया था।इस मामले में गोपालगंज न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए तीनों पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। तभी से तीनों पुलिस पदाधिकारी फरार चल रहा हैं। इसी बीच इस मामले में आरोपित मीरगंज थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष जावेद जफर तथा उचकागांव थाना के पुलिस पदाधिकारी दिनेश्वर कुमार ने पटना हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दायर कियाद्ध जिसे खारिज करते हुए पटना हाई कोर्ट ने तीनों पुलिस पदाधिकारियों को पुलिस अधीक्षक गोपालगंज को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।