गोपालगंज संसदीय (सुरक्षित) सीट पर इस बार जदयू के डॉ. आलोक कुमार सुमन का परचम लहराया है। डॉ. आलोक ने महागठबंधन में राजद के सुरेंद्र राम उर्फ महान को हरा दिया है। इस बार गोपालगंज लोकसभा से 13 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी।
पिछली बार भाजपा के नाम रही थी सीट
वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में गोपालगंज की सीट भाजपा के खाते में आई थी। यहां से जनक राम का निर्वाचन हुआ था। जनक को 478773 वोट मिले थे। बीजेपी के कंडीटेड ने डॉ. ज्योति भारती को 286936 वोटों से हराया था। डॉ. ज्योति भारती कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में थीं। 2014 में गोपालगंज लोकसभा में कुल 54.6 प्रतिशत वोट पड़े थे।
कभी रहा था कांग्रेस का गढ़
पश्चिम में उत्तर प्रदेश के देवरिया व कुशीनगर जनपद की सीमा से लगा तथा गंडक नदी के किनारे बसा गोपालगंज पूर्णत: खेती पर आधारित है। वर्ष 2009 से यह संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। पूर्व में यह क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा। यहां वर्ष 1962 से 1977 तक लगातार चार बार कांग्रेस के द्वारिकानाथ तिवारी सांसद चुने गए। 1980 में कांग्रेस के नगीना राय सांसद बने। 2009 में जदयू के पूर्णमासी राम सांसद चुने गए। मोदी लहर में 2014 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के जनक राम सांसद चुने गए। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद व उनकी पत्नी राबड़ी देवी का गोपालगंज गृह जनपद है।