विश्वंभरपुर थाना क्षेत्र के भरथिया गांव में एक महिला की जलाकर हत्या किए जाने के मामले में एडीजे आठ शोभाकांत मिश्र के न्यायालय ने कांड में आरोपित मृतका के देवर को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास तथा तीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। इस मामले में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में न्यायालय ने मृत महिला की सास किशोरी देवी, ससुर अवधेश तिवारी तथा देवरानी रिंकू देवी को बरी कर दिया। सजा सुनाए जाने के बाद न्यायालय ने आरोपित को सजा काटने के लिए चनावे मंडल कारा भेज दिया।
जानकारी के अनुसार उचकागांव थाना के वृंदावन गांव के सच्चिदानंद तिवारी की पुत्री मुन्नी कुमारी की शादी विश्वम्भरपुर थाने के भरथिया गांव के अवधेश मिश्र के पुत्र नागेंद्र मिश्र के साथ संपन्न हुई थी। ससुराल जाने के बाद दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर मुन्नी देवी की 14 नवंबर 2008 को जलाकर कर दी गई। इस मामले में मृतका के भाई पप्पू कुमार तिवारी ने मृतका के पति नागेंद्र मिश्रा, देवर सत्येंद्र मिश्रा, ससुर अवधेश मिश्रा, देवरानी ¨रकू देवी तथा सास किशोरी देवी के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद इस मामले में सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। लेकिन जमानत कराने के बाद मृत महिला का पति नागेंद्र मिश्र फरार हो गया। जिसके कारण कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी करते हुए उसका अभिलेख अलग कर दिया। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने मृत महिला के देवर सत्येंद्र मिश्रा को कांड में दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास तथा तीस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की रकम अदा नहीं करने पर आरोपित को छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।