आगरा एक्सप्रेस वे पर बस हादसे में हुई एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद उनके शवों को रविवार को बहोरा टोला गांव में लाया गया। शवों के पहुंचने के साथ ही गांव में कोहराम छा गया। गांव तथा आसपास के लोग परिवार के लोगों को सांत्वना दे रहे थे। लेकिन परिजन के चीखने की आवाज से उनका भी धैर्य जवाब दे रहा था। गमगीन ग्रामीणों ने दूसरे दिन भी अपने घरों में चूल्हा नहीं जलाया। मृतक के परिजनों के चीत्कार से ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गईं।
जानकारी के अनुसार बहोरा टोला गांव के इरशाद अपने पत्नी व दो बच्चों के साथ सीतामढ़ी से जयपुर जा रही बस में सवार होकर जयपुर जा रहे थे। इसी बीच शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के आगरा के आगरा एक्सप्रेस वे पर बस व ट्रक के बीच भीषण टक्कर हो गई। इस हादसे मे इरशाद की मौत मौके पर ही हो गई। जबकि उनकी 34 वर्षीया पत्नी मेमतारा, आठ वर्षीया पुत्री रेशमा तथा छह वर्षीय पुत्र तबरेज की इलाज के क्रम में मौत हो गयी। घटना की जानकारी परिजनों को मिलते ही घर पर कोहराम मच गया। परिवार के लोग घटना की जानकारी होने के बाद आगरा के लिए रवाना हो गए। रविवार को चारों शव गांव में लाए गए। लोगों के शव रविवार को गांव पहुंचते ही पूरे गांव मे मातम का माहौल पैदा हो गया। गांवों की सड़कें सूनीं हो गई। परिजनों को लोग सांत्वना दे रहे थे। घटना मे मारे गए सभी सदस्यों को कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत बीडीओ वेदप्रकाश ने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया। साथ ही उन्होंने पारिवारिक लाभ के तहत परिजनों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
चार साल के बाद घर आया था इरशाद:
इरशाद जयपुर से चार साल के बाद गांव आया हुआ था। बच्चों की छुट्टियां बिताने के बाद वह अपने परिवार के साथ गुरुवार को जयपुर के लिए गोपालगंज से बस पकड़ रवाना हुआ था। लेकिन इस बस हादसे मे उसका पूरा परिवार ही खत्म हो गया। इरशाद, उसकी पत्नी व दो बच्चों की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद पिता रेयाजुल साह के सामने दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिता के आंखों के सामने ही बेटे, बहू एवं दो पोतों की मौत ने उसे पूरी तरह से असहाय कर दिया है।