गोपालगंज ज़िले की प्रमुख समाजसेवी संस्था डीबीडीटी के सदस्य जावेद अंसारी ने अपना रोज़ा तोड़कर थेलेसिमिया से ग्रासित एक छोटे से बच्चे पुनीत कुमार को अपना खून देकर उसकी जान बचाई।
विदित हो कि उक्त बच्चे के रक्त की जरूरत को पूरा करने का जिम्मा डीबीडीटी के संस्थापक सदस्य अनवर हुसैन ने लिया हुआ है।
ज़िले के कुचायकोट प्रखंड के टोला सिपाया के रहने वाले भूपेंद्र कुमार का आठ वर्षीय पुत्र थेलेसिमिया से ग्रसित है और इस बच्चे को प्रत्येक महीने दो से तीन यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। मंगलवार को हीमोग्लोबिन का स्तर अचानक कम हो जाने के कारण पुनीत को ए पॉजिटिव रक्त की जरूरत पड़ी तो पिता भूपेंद्र कुमार सदर अस्पताल पहुँच कर ब्लड के लिए सिविल सर्जन व ब्लड बैंक का चक्कर लगाने लगे क्योकि इनके परिवार में उक्त रक्त ग्रुप का कोई भी सदस्य नही था ऐसे में जब अस्पताल प्रशासन के तरफ से पुनीत को ब्लड उपलब्ध नही कराया जा सका तो परिजनों ने शहर की प्रमुख समाज सेवी संस्था डीबीडीटी से सम्पर्क किया। जैसे ही ये सूचना टीम के व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से टीम के ए पॉजिटिव रक्त समूह के सदस्य जावेद अंसारी को हुई तो वो तुरन्त ब्लड बैंक पहुँचे लेकिन जब डॉक्टरों ने कहा कि आप रोज़े की हालत में रक्तदान नही कर सकते तो जावेद ने पुनीत की जान बचाने की खातिर अपना रोज़ा तोड़कर रक्तदान किया। जावेद ने कहा कि अगर मेरे रोज़ा तोड़ने से किसी की जान बच रही है तो मै इंसानियत व मानव धर्म ही निभाउंगा और मेरा मजहब भी मुझे यही सिखाता है।
अपना रोज़ा तोड़कर जावेद अंसारी ने पुनीत कुमार के लिए अपना रक्तदान कर ना सिर्फ मानवता बल्कि कौमी एकता की एक मिसाल भी पेश की है साथ ही साथ जावेद का रक्तदान समाज को बांटने की राजनीति करने वालो के गाल पर एक तमाचा है।
रक्तदान के समय मुख्य रूप से अनवर हुसैन, नंहू जी प्रसाद,अंकित कुमार, ओमप्रकाश मिश्र,डॉक्टर पी सी सिन्हा,धर्मेंद्र कुमार, ज्ञानचंद प्रसाद,अमलेश कुमार इत्यादि मौजूद थे।