गोपालगंज के आसमान में चक्रवाती बादल का दबाव बन गया है। इससे जिले व इसके आसपास के इलाके में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बुधवार को 100 से एक 120 बीस मिलीमीटर बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। नेपाल के तराई इलाके व नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। गंडक में करीब तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से एक बार फिर नदी में बाढ़ आने की भी आशंका है। बारिश व बाढ़ से निपटने के लिए राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को अलर्ट किया है। विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय ने डीएम व अन्य वरीय पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए तैयारियों की समीक्षा की। समीक्षा में बाढ़ आने पर विस्थापित लोगों के पुनर्वास की योजना,पुनर्वास स्थल,बाढ़ पीड़ितों को देने के लिए पलास्टिक शीट व कम्युनिटी किचेन के इंतजाम की जानकारी ली गई। तटबंध के सुरक्षा के निर्देशसंभावित बाढ़ व भारी बारिश के मद्देनजर जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को सतर्क किया गया है। गंडक तटबंध की निगरानी बढ़ा दी गई है। अहरौली दान,विश्वंभरपुर सिसवन,पतारा छरकी,ओलीपुर,रूपन छाप,सलेमपुर ,पानापुर बैसहां,टंडसपुर,फैजुल्लाहपुर व वसंत बंगला सहित करीब 15 स्थानों पर जूनियर इंजीनियरों की 24 घंटे की ड्यूटी लगाई गई है। इन स्थानों पर बांध के कटाव व मिट्टी के क्षरण होने की आशंका है। विभाग के अनुसार उक्त स्थानों पर जेनरेटर,कटाव रोधी सामान व मजदूरों के साथ जूनियर इंजीनियर कैंप कर रहे हैं। बीडीओ व सीओ कर रहे पेट्रोलिंगडीएम ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके के रूप में चिह्नित बरौली,मांझा,बैकुंठपुर,गोपालगंज सदर,कुचायकोट व सिधवलिया के सीओ व बीडीओ को तैयार रहने व चौबीस घंटे नदी के जलस्तर व तटबंध पर नजर रखने का सख्त निर्देश दिए गए हैं।