मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना के 545 लाभुकों के खातों में जाने वाली राशि महज दो एकाउंट में ट्रांसफर कर ली गयी है. यह दोनों एकाउंट चंपारण और बेगूसराय के बताये जा रहे हैं. मामला सामने आते ही डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने डीडीसी दयानंद मिश्र के नेतृत्व में जांच टीम गठित की. जांच के दौरान पाया गया कि स्वयं सहायता भत्ता की राशि महज दो एकाउंट में ट्रांसफर हुआ है. यह खेल साइबर अपराधियों का है.
स्थानीय कर्मियों की संलिप्तता से फिलहाल इन्कार किया जा रहा है. विभागीय सूत्रों की मानें तो साइबर अपराधियों ने सरकारी योजना के बैंक एकाउंट को ही हैक कर महज दो खातों में 1.80 करोड़ की राशि ट्रांसफर कर ली है, जिससे युवाओं के खाते में राशि नहीं जा सकी है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है़
योजना के एकाउंट पर रखी जा रही नजर : स्वयं सहायता भत्ता योजना के एकाउंट से फ्रॉड सामने आने के बाद खाते पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
साइबर अपराधियों के गतिविधियों को प्रशासनिक स्तर पर खंगाला जा रहा है. आखिर बैंक एकांउट से फ्रॉड हुआ कैसे. बैंक अधिकारियों से भी गहन पूछताछ की गयी है. स्थानीय संलिप्तता को लेकर अभी अधिकारी स्पष्ट नहीं हो पा रहे. जिस एकाउंट में ट्रांसफर हुआ है, उस एकाउंट के संबंध में हाई लेवल पर जांच चल रही है.
पुलिस मामले की कर रही है जांच
स्वयं सहायता भत्ता में साइबर फ्रॉड सामने आया है. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने आदेश दिया गया है. जो भी फ्रॉड में शामिल होगा उसपर कार्रवाई की जायेगी.
दयानंद मिश्र, डीडीसी, गोपालगंज