उचकागांव थाना क्षेत्र के पिड़रा गांव में अपराधियों की गोलीबारी में घायल बलेसरा पंचायत के मुखिया महातम चौधरी की मौत की जानकारी होने की जानकारी लगते ही पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया। तनाव को देखते हुए मृतक का पोस्टमार्टम गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ही कराया गया। गुरुवार को हत्यारों के शिकार बने मुखिया का शव गोरखपुर से लाए जाने को देखते हुए सैकड़ों की संख्या में लोग बालाहाता चौराहे पर पहुंचे गए। यहां एंबुलेंस से शव पहुंचते ही आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। एंबुलेंस में रखे शव को लेकर उग्र लोग मीरगंज नगर की तरफ बढ़ने लगे। मीरगंज नगर में इस हत्याकांड के एक आरोपित के चाचा के घर के समीप पहुंचते ही उग्र लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पथराव में वहां मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात डीडीसी दयानंद मिश्रा बालबाल बच गए। इनके सिर के ऊपर से पत्थर गुजर गया। एसडीपीओ इम्तेयाज अहमद भी भीड़ में फंस गए। जिससे देखते हुए सुरक्षा बल के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने लाठियां भांज कर भीड़ को तितर बितर कर दिया। इसके बाद शव को थाना लाया गया। बाद में जनप्रतिनिधियों तथा समाजसेविओं के सहयोग से शव का दाह संस्कार कर दिया गया। गोलीबारी में मुखिया के पुत्र सत्येंद्र चौधरी की मौत के बाद घायल मुखिया की भी मौत होने से पूरे इलाके में तनाव बना हुआ है। पिड़रा से लेकर मीरंगज नगर तक सुरक्षा बल के जवान तैनात कर दिए गए हैं।
मंगलवार की देर शाम बाइक से पिड़रा गांव पहुंचे दो अपराधियों ने इस गांव के निवासी बलेसरा पंचायत के मुखिया महातम चौधरी के घर पर चढ़ कर अंधाधुंध फाय¨रग शुरू कर दिया था। इस फाय¨रग में गोली लगने से मुखिया महातम चौधरी,उनकी पत्नी प्रभावती देवी, पुत्र सत्येंद्र चौधरी व नागेंद्र चौधरी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सभी घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाके के दौरान मुखिया के पुत्र सत्येंद्र चौधरी की मौत हो गई। सदर अस्पताल से मुखिया, उनकी पत्नी तथा एक बेटे को गोरखपुर रेफर दिया गया। गोरखपुर से भी मुखिया की पत्नी तथा बेटे को लखनऊ रेफर कर दिया गया। इसी बीच बुधवार की शाम घायल मुखिया महातम चौधरी की मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में मौत हो गई। मुखिया की मौत की सूचना मिलते ही पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। प्रशासन के प्रयास से देर रात मुखिया के शव का मेडिकल कॉलेज गोरखपुर पोस्टमार्टम कराया गया। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन भी सीधे मुखिया के शव को गांव में ले जाने से कतरा रही थी। इसी बीच गुरुवार को मुखिया का शव बालाहाता के रास्ते लाया गया। बालाहाता शव पहुंचने की सूचना मिलने ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोग एंबुलेंस पर रखे मुखिया के शव को लेकर मीरगंज की ओर बढ़ने लगे। मीरगंज में एक आरोपित बब्लू दुबे के चाचा प्रसिद्ध चिकित्सक केएन दुबे के आवास और क्लीनिक पर उग्र लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। इस बीच मौके पर तैनात पुलिस के जवानों ने हल्का बल का प्रयोग कर स्थिति पर नियंत्रण पा लिया। इसके बाद कुछ सामाजिक लोगों के सहयोग से मुखिया के शव को उनके गांव ले जाकर दाह संस्कार कराया गया।