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गोपालगंज : कोरोना के भय से मंदा पड़ा मछली-मुर्गे का धंधा

शहर के हजियापुर मोड़ के समीप स्थित
सुलेमान कुरैशी की मुर्गा मांस की
दुकान बंद हो गई है। पहले इनकी
दुकान पर मुर्गा का मांस खरीदने के
लिए दिन भर लोगों आते रहते थे।
सुबह व शाम तो यहां लोगों की अच्छी
खासी भीड़ लग जाती थी।
इसी बीच चीन में कोरोना के कहर
तथा देश में भी इसके मरीज मिलने की
खबर के बीच सी फूड व मांस मछली
से इस बीमारी के इंसानों में फैलने की
जानकारी होते ही लोग मछली व मुर्गे
का मांस खरीदने से परहेज करने लगे।
पिछले चार-पांच दिन में इक्का दुक्का
लोगों के मुर्गा का मांस खरीदने आने
को देखते हुए आखिरकार सुलेमान
कुरैशी ने शुक्रवार की शाम अपनी
दुकान को ही बंद कर दिया। कुछ
ऐसी ही स्थिति हजियापुर के मछली
बाजार में देखने को मिल रही है। सुबह
व शाम इस मछली बाजार में पहले
लोगों की भीड़ लगती थी।
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लेकिन अब मछली खरीदने आने वालों की संख्या
काफी कम हो गई है। कोरिया के भय
से जिले में मछली व मुर्गा मांस का
कारोबार मंद पड़ गया है। इस कारोबार
से जुड़े व्यवसायी बताते हैं कि पिछले
एक सप्ताह के अंदर ही मुर्गा व मछली
के कारोबार में 70 प्रतिशत की कमी आ गई है। मत्स्य पालन में गोपालगंज
जिला बिहार के अव्वल जिले में से
एक है। मुर्गा पालन में भी यह जिला
अग्रणी जिले में शामिल है। जिले
में 70 से अधिक बड़े मुर्गा व अंडा
से उत्पादन यूनिट है। यहां मुजफ्फरपुर
सहित कई जिलों में अंडा व मुर्गा की सप्लाई की जाती है। जिले में मांस
व मछली की अच्छी खपत होती है।
मछली व मुर्गा के कारोबार से जुड़े
भरत सहनी तथा क्यामुद्दीन मियां बताते
हैं कि जिले में प्रतिदिन तीन करोड़ से
अधिक का मछली व मुर्गी मांस का
कारोबार होता है। लेकिन कोरोना के
 
क्या है कोरोना के लक्षण:
गोपालगज शहर के शारदा सिलेबस
स्थित स्मिता क्लीनिक के चिकित्सा डॉ.
अनूप कुमार बताते है कि कोरोना वायरस
को फैलने से रोकने वाला कोई टीका
अब तक नहीं बना है। कोरोना वायरस से
बुखार, जुकाम, सांस लेने में तो
नाक बहना और गाने में खराश जैसी
समस्या उत्पन्न होती है। यह वायरस
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता
है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी
बरती जानी चाहिए। भारत में भी अबतका
सात से आठ लोगों में कोरोना वायरस के
मामले सामने आए हैं।