जिला मुख्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को डिप्लोमा ऑफ कंप्यूटर (डीसीए) की डिग्री दिलाने के लिए नगर के वीएम इंटर कॉलेज केंद्र पर स्थापित जिला कंप्यूटर सोसायटी व्यवस्था की पेंच में फंस गया है। इसे सुधारने के दिशा में कोई भी समुचित प्रयास नहीं किया गया। यहीं कारण रहा कि इस केंद्र में लाखों रुपये की लागत से लगाए गए पचास में से चालीस कंप्यूटर सेट एक के बाद एक कर खराब होते गए। और करीब दो साल से इस केंद्र पर ताला लटक गया है। 1 करीब दस साल पूर्व लाखों रुपये की लागत से नगर के वीएम इंटर कॉलेज के प्रांगण में जिला कंप्यूटर केन्द्र सोसायटी की स्थापना की गई थी। इस केंद्र के जिलाधिकारी खुद अध्यक्ष तथा वीएम इंटर कॉलेज के प्राचार्य इसके सचिव हैं। शुरुआत में इस केंद्र पर छात्रों की भीड़ लगी रहती थी। लेकिन समय के साथ कंप्यूटरों के खराब होने के कारण यहां की व्यवस्था दिनोंदिन बिगड़ती चली गई। यहीं कारण रहा कि यहां काम करने वाले शिक्षकों को वेतन मिलना बंद हो गया। ऐसे में केंद्र महीनों बंद रहा। बंद पड़े इस सेंटर को दोबारा प्रारंभ करने का प्रयास किया गया। जैसे-तैसे पचास में से बीस कंप्यूटर को चालू कराया। यहां शिक्षिका की भी तैनाती की गई। जनवरी 2012 में जब इस केंद्र को दोबारा शुरू किया गया तब छात्रों की कमी से केंद्र जूझने लगा। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि कम आय होने के कारण यहां तैनात शिक्षिका को वेतन मिलना बंद हो गया और फिर ठीक कराए गए कंप्यूटर सेट भी खराब हो गए। इस केंद्र पर लगाए गए 50 में से 40 कंप्यूटर सेट खराब हो चुके हैं। सरकारी कुव्यवस्था के पेंच में फंसे इस केंद्र पर आज ताला लग गया है। करीब दो साल से इस केंद्र की यहीं स्थिति है। लेकिन इसे दोबारा शुरु करने की दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है।
बंद पड़े कंप्यूटर केंद्र को सुचारू तरीके से संचालित करने के लिए जेनरेटर सहित अन्य संसाधनों के लिए 6,97,000 रुपये की लागत आनी है। जिला नवचार निधि के माध्यम से इस सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायद प्रारंभ की गई थी। लेकिन यह व्यवस्था की फेल नजर आती है। वर्तमान व्यवस्था को देखकर इस केन्द्र का संचालन दोबारा कब से शुरु होगा, यह बता पाने में शिक्षा विभाग के अधिकारी भी खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं।