कोई भी चौकीदार या दफादार शराब के सेवन अथवा उसके बिक्री में संलिप्त पाया जाएगा तो उसे तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाएगा। सभी चौकीदारों को आगामी 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाली ग्राम सभा के दौरान खुद उपस्थित होकर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना होगा। जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर शहर के अंबेडकर भवन में आयोजित जनप्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि उत्तरप्रदेश की सीमा से सटे होने के कारण इस जिले में बॉर्डर इलाके से शराब की तस्करी की जाती है। इसपर रोक लगाने के लिए सामाजिक स्तर पर नशा बंदी के वातावरण को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में जन प्रतिनिधियों की भूमिका काफी अहम है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाकर गोपालगंज जिले को मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का लक्ष्य है। इस कार्य में प्रत्येक व्यक्ति की सहभागिता जरूरी है। बैठक में मौजूद प्रखंड प्रमुख, मुखिया, जिला परिषद के सदस्य, नगर निकायों के वार्ड पार्षद, जीविका कर्मी व चौकीदारों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी को अपनी भूमिका का निर्वहन जिम्मेदारी पूर्वक करना होगा। उन्होंने सभी थानाध्यक्ष, बीडीओ व सीओ को शराब पर रोक लगाने के लिए प्रत्येक दिन तीन स्थानों पर छापेमारी करने का निर्देश दिया। अलावा इसके एसडीपीओ व डीएसपी को प्रत्येक माह कम-से-कम 20 दिन शराब के धंधेबाजों के यहां छापेमारी करने तथा उनकी सूची तैयार करने का निर्देश दिया। उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी की सीमा से सटे होने के कारण यह जिला संवेदनशील है। उन्होंने मद्य निषेध नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों से उत्पाद विभाग व पुलिस को सहयोग करने की अपील की। बैठक में एसपी राशिद जमां, उत्पाद अधीक्षक राकेश कुमार, उप विकास आयुक्त सज्जन आर, एसडीपीओ सदर नरेश पासवान, भूमि सुधार उप समाहर्ता उपेंद्र कुमार पाल के अलावा विजयीपुर प्रखंड प्रमुख निरुपमा सिंह सहित सैकड़ों जनप्रतिनिधि मौजूद थे।