मंगलवार को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान डॉ.राजेंद्र प्रसाद के बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प भी लिया। देश के प्रथम राष्ट्रपति की जयंती पर मुख्य कार्यक्रम शहर के पोस्ट ऑफिस चौक पर हुआ। जहां डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर जिलाधिकारी अरशद अजीज, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी तथा प्राइवेट स्कूल यूनियन के सचिव अनिल कुमार श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने देश के प्रथम राष्ट्रपति के व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान जदयू जिलाध्यक्ष प्रमोद पटेल, ज्योति प्रकाश बरनवाल, धनंजय गिरी, सुधीर श्रीवास्तव, प्रदीप कुमार वर्मा, राजेश बरनवाल सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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इसके पूर्व शहर के बिहार विकास विद्यालय के स्कूली बच्चों ने कराटे प्रतियोगिता का प्रदर्शन किया। जिसके बाद जिलाधिकारी अरशद अजीज ने स्कूली बच्चों को सम्मानित भी किया। वहीं जदयू जिला कार्यालय में जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पटेल की अध्यक्षता में देशरत्न की जयंती मनाई गई। इस मौके पर बबन प्रसाद, ललन मांझी, दशरथ राम, विनोद कुमार सिंह, अमरजीत सिंह अमरेंद्र कुमार बारी, राजेश गुप्ता, प्रदीप कुमार, फैज अहमद, राघव सिंह सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। जिला कांग्रेस कार्यालय में भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई गई। इस मौके पर प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष संगीता सिंह, जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हैदर, प्रेमनाथ राय शर्मा, ललित मिश्रा, सत्यप्रकाश नारायण, रविद्र नाथ सिंह, राजकुमार मांझी, राजेश्वर श्रीवास्तव, ललित कुमार, अजीत सिंह, हेंमत तिवारी सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। उधर कायस्थ वाहिनी की जिला इकाई के द्वारा देश के पहले राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती को संविधान निर्माता दिवस के रुप में मनाया। समारोह के दौरान अपने विचार रखते हुए कायस्थ वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष अभिजीत सिन्हा ने सवाल उठाया कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है, तो देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती पर कोई दिवस क्यों नही। अगर वास्तव में विचार करें तो देश वास्तविक संविधान निर्माता देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद ही थे। अत: उनके जन्मदिन को संविधान निर्माता दिवस के रुप में घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि कायस्थ वाहिनी के द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के जन्मदिवस को हम संविधान निर्माता दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस मौके पर अधिवक्ता मनीष किशोर नारायण सहित कई सदस्य मौजूद थे।