उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बुधवार की देर रात बस से कुचलने वाला चालक शराब के नशे में धुत था। नशे में होने के कारण ही उसने अपना संतुलन खो दिया। जिससे दुर्घटना हुई। बस चालक के शराब के नशे में धुत होने की पुष्टि तब हुई जब स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तार बस चालक उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद सुहाग नगर के बाबूल लाल का पुत्र राजवीर बताया गया है। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया है कि वह बस लेकर आगरा से सहारनपुर प्रवासी मजदूरों को छोड़ने गया था। मजदूरों को छोड़ने के बाद वह बस लेकर वापस आगरा लौट रहा था। वह जैसे ही बस लेकर सहारनपुर की थाना देवबंद क्षेत्र की घलोली चेक पोस्ट को पार कर मुजफ्फरनगर जनपद की सीमा में घुसा तो टोल प्लाजा से कुछ ही दूरी पहले रोडवेज बस ने इन मजदूरों को कुचल दिया। इससे छह मजदूरों की मौत तो घटनास्थल पर ही हो गई। जबकि चार मजदूर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। बताया गया है कि रोडवेज बस संख्या यूपी 85 ए टी 0911 का ड्राइवर राजवीर हादसे के बाद बस लेकर फरार होने लगा। मगर पुलिस ने उसे दबोच लिया। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन में दिन में पुलिस से बचने के लिए सभी मजदूर रात के अंधेरे में पैदल आ रहे थे।
यूपी सीएम ने दिए जांच के निर्देश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सड़क हादसे में पंजाब से बिहार जा रहे प्रवासी श्रमिकों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने सभी घायलों का समुचित इलाज कराने व मृतकों के पार्थिव शरीर बिहार भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए व गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने सहारनपुर मंडलायुक्त को दुर्घटना के कारणों की जांच व इसके हादसे के दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के निर्देश दिए हैं।
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संकट की घड़ी में मजदूर के परिजनों के साथ है सरकार: फुलवरिया थाने के श्रीपुर ओपी क्षेत्र के दुलारपुर मलाही टोला गावं के निवासी व उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर सड़क हादसे का शिकार पिता पुत्र मजदूर मृतक हरेश सहनी के परिजनों के साथ सरकार खड़ी है। उनकी हर संभव बिहार सरकार मदद करेगी। उक्त बातें बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के तहत चार-चार लाख रुपए मुआवजा राशि उपलब्ध कराने के बाद परिजनों को लोक जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्री श्री सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में हम सबको मिलकर मृतक के परिजनों के साथ खड़ा होने की आवश्यकता है।
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पंजाब व हरियाणा से पैदल घर आ रहे मजदूरों के मुजफ्फरनगर में सड़क हादसे में हुई मौत से जिले के लोग मर्माहत हैं। मजदूरों के परिजनों के अनुसार लॉक डाउन थ्री में मकान मालिक ने मजदूरों को मकान खाली करने को कहा। खेतों में मजदूरी कर जो थोड़े-बहुत कमाए थे,लॉक डाउन के दौरान खाने-पीने में ही खत्म हो गए। इसके बाद परिजनों ने घर चले आने की सलाह दी। इसके बाद सभी मजदूर घर के लिए पैदल ही वहां से चल पड़े। दस मजदूरों की टोली पुलिस के भय से रात के अंधेरे में रास्ते से चलते हुए आ रही थी। इस दौरान यूपी के मुजफ्फरनगर में बस की चपेट में आ गए। हादसे में मरे हरेश पटेल, बांसदेव पटेल व हरेश सहनी का परिवार उक्त बातें बताते हुए फूट-फूट कर रोने लगा। हादसे के शिकार परिवार के लोगों की मातमी विलाप से हर आंखें नम थीं। गांव वाले कह रहे थे कि परिवार की खुशहाली के लिए सभी मजदूरी करने पंजाब गए थे,लेकिन हादसे में मौत के बाद अब परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है।
खजुरिया के हरेश पटेल की मौत से परिजनों पर टूटा दुखों का पहाड़: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बस हादसे के शिकार सिधवलिया थाने के खजुरिया गांव के हरेश पटेल के परिजनों के ऊपर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। हादसे की खबर मिलने के बाद उसके परिजनों में कोहमरा मच गया। परिजनों को अब घर की खर्च चलाने की चिंता सताने लगी है। मृतक की पत्नी सुगांती देवी ने बताया कि मंगलवार को उसके पति ने फोन कर घर आने की बात कही थी। वह घर आने का इंतजार कर रही थी। इस बीच मरने की खबर आ गई। इस खबर के बाद मानों परिजनों के जिंदगी में तूफान आ गया हो। हरेश की पांच पुत्रियों में सुमन देवी, संगीता देवी व रीता देवी की शादी हो गई है। प्रीति व मनीषा अभी छोटी हैं। वहीं दो पुत्र तारकेश्वर व विशाल भी अभी छोटे हैं। कोरोना बंदी के कारण हरियाणा के यमुनानगर से घर वापसी को पैदल ही निकले हरेश व उसके दामाद बांसदेव को यह कंहा पता था कि दोनों का यह आखिरी सफर होगा।
वे दोनों अब अपने परिवार से भी कभी नहीं मिल पाएंगे।