पिछले मानसून के मौसम में आई विनाशकारी बाढ़ में हुई बर्बादी से अब भी ग्रामीण संभल नहीं पाए हैं। बाढ़ में बह गई सड़कें तथा ध्वस्त हुए मकान अब भी बाढ़ से हुई तबाही की याद दिला रहे हैं। तब बरौली के सदौवा गांव के समीप सारण तटबंध के स्लुइस गेट के ध्वस्त होने के कारण जिला विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आया था। इस बार भी कुछ ऐसे ही आसार अभी से नजर आने लगे हैं। दियारा इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए यूपी के अहिरौलीदान से जादोपुर के मंगलपुर महासेतु तब बनाए जा रहे बांध में खरगौली गांव के समीप बनाए गए स्लुइस गेट में दरारें उभर आई हैं। स्लुइस गेट में दरार उभरने से मानसून के समय आने वाली बाढ़ को लेकर अभी से दियारा इलाके के ग्रामीणों को ¨चता सताने लगी है कि कहीं इस बार भी स्लुइस गेट ध्वस्त होने से उनको विनाशकारी बाढ़ न झेलनी पड़े।
जिले के दियारा इलाके में हर साल आने वाली बाढ़ से बचाव के लिए यूपी के अहिरौलीदान से कुचायकोट प्रखंड के जादोपुर के मंगलपुर महासेतु तक बांध का निर्माण किया जा रहा है। 29 करोड़ की लागत से बन रहे इस बांध में चार स्लुइस गेट बनाए जा रहे हैं। ताकि गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने पर इन स्लुइस गेट को खोल कर पानी का दबाव कम किया जा सके। प्रत्येक स्लुइस गेट के निर्माण पर 40-40 लाख की राशि खर्च की जा रही है। इसी बीच स्लुइस गेट के निर्माण कार्य में अनियमितता बरतने का मामला सामने आने लगा है। रामपुर पंचायत के खरगौली गांव के समीप बनाए गए स्लुइस गेट संख्या दो की ढलाई के बाद दरारें पड़ गई हैं। जिससे गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने पर इस स्लुइस गेट के ध्वस्त होने की आशंका अभी से ग्रामीण जताने लगे हैं। बांध तथा स्लुइस गेट के निर्माण में मानक के अनुसार काम नहीं होने को लेकर आवाजें भी उठने लगी है। इस संबंध में जिला पार्षद बेबी देवी के प्रतिनिधि अरुण ¨सह ने जलसंसाधन विभाग को आवेदन भेज कर मामले की जांच कराने की मांग किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि बांध तथा स्लुइस गेट के निर्माण में लोकल बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। बीते 16 अगस्त को सदौवा में स्लुइस गेट टूटने से ही जिला विनाशकारी बांध की चपेट में आया था। इस बार भी स्लुइस गेट में उभरी दरार कहीं भारी न पड़ जाए, इसको लेकर ग्रामीणों को अभी से ¨चता सताने लगी है।
क्या कहते हैं अधीक्षण अभियंता
निर्माणाधीन अहिरौलीदान-मंगलपुर बांध के स्लुइस गेट संख्या दो में दरार पड़ने की जानकारी उन्हें नहीं है। इसकी तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
जितेंद्र कुमार, अधीक्षण अभियंता, जलसंसाधन विभाग
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