गोपालगंज के छात्र का अपहरण कर फिरौती मांगने के आरोप में सत्र न्यायाधीश मुकेश प्रकाश ने प्रशिक्षु दारोगाओं बलिया जिले के सहतवार थाने के दुधौली कलां निवासी अभिजीत कुमार तथा फैजाबाद जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के देवकली निवासी रघुनंदन त्रिपाठी की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है. अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी डीजीसी यशपाल सिंह का कथन था कि विसंभरपुर थाने के फुलवरिया गांव के मकसूद आलम का भतीजा एहसान आलम गोपालगंज में रहकर पढ़ाई करता है.
गोरखपुर के उरूवा के रहनेवाले अफजल खां गोपालगंज आता-जाता था. 17 दिसंबर, 2017 को वादी के मोबाइल पर अफजल ने फोन करके बताया कि एहसान और वह गोरखपुर आये थे, जहां उनकी मोटरसाइकिल पकड़ ली गयी. वह अस्सी हजार रुपये देकर छूट गया. उरूवा थाने के दारोगा अभिजीत कुमार और रघुनंदन त्रिपाठी से बात हो गयी है. इस गाड़ी से दो लाख 80 हजार रुपये छीनने की बात दारोगा बता रहे हैं. एहसान को दारोगा अपनी गाड़ी में बैठा रखे हैं. रुपये देने पर उसे छोड़ने को तैयार हैं. वादी को रेलवे स्टेशन पर बुलाकर बार -बार जगह बदली जा रही थी. वादी का भतीजा उन्हीं लोगों के कब्जे में था. फोन से फर्जी केस मे फंसाने व जान से मारने की धमकी दी जा रही थी. अफजल के फोन पर वादी रुपया लेकर गोरखपुर आया था. कोर्ट में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कहा कि पुलिस का कार्य जनता की रक्षा करना है न कि किसी तरह उसे फंसा कर अवैध उगाही करना है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी. अभियुक्त ने जुर्म से इन्कार करते हुए उच्चाधिकारियों द्वारा साजिश के तहत फंसाये जाने की सफाई दी थी.
Leave a Reply