पहले माह-ए-रमजान के दिनों में सभी मस्जिदों व ईदगाहों में नमाजियों की काफी भीड़ उमड़ती थी। लेकिन, इस बार कोरोना वायरस को लेकर लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण माह-ए-रमजान में सिर्फ चार-पांच लोगों को ही मस्जिद व ईदगाह में नमाज के लिए प्रशासनिक अनुमति मिली। जिसमें इस वर्ष केवल इमाम, मुअज्जिन व दो-तीन लोग ही पूरे रमजान व जुमे की नमाज मस्जिद में अदा कर सकें।
अकीदतमंदों ने अपने घर में ही पूरे परिवार के साथ नमाज अदा की। अब शुक्रवार को अंतिम जुमे यानी अलविदा की नमाज भी लोग परिवार के साथ ही घर में अदा करेंगे। क्योंकि लॉकडाउन-4 में भी सामूहिक नमाज पर पाबंदी जारी है। शहर के इस्लामियां मोहल्ला निवासी इम्तेयाज अली भुट्टो बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण वे अपनी पत्नी व बेटे व बेटी के साथ ही नमाज अदा कर रहे हैं । अब अलविदा व ईद की नमाज भी घर में ही एक साथ पढ़ी जाएगी। वार्ड नंबर 25 निवासी हामिद हसन ने बताया कि उनका भी पूरा परिवार घर में ही एक साथ नमाज अदा कर रहा है। दरगाह मोहल्ले निवासी अहमद हुसेन कहते हैं कि पूरे रमजान महीने घर के बड़े से लेकर छोटे रोजदारों ने एक साथ ही नमाज अदा की। अलविदा व ईद की नमाज भी घर पर ही पढ़ी जाएगी। जंगलिया मोहल्ले के मो. परवेज व तवरेज आलम बताते हैं कि घर के पुरूषों के साथ-साथ महिलाएं व बेटे-बेटियां एक साथ ही नमाज पढ़ रहे हैं।
घर में ही शिद्दत के साथ अदा करें नमाज : कहीं से भी अल्लाह की इबादत की जा सकती है। अल्लाह अपने बंदे की दुआ जरूर कबूल करता है। जिला ईदगाह व मस्जिद दरगाहशरीफ के इमाम नसीमुल हक ने कहा कि सरकार के फरमान के अनुसार पूरे रमजान महीने में मस्जिद व ईदगाह में सामूहिक नमाज पर पाबंदी रही। अकीदतमंदों ने घर में नमाज अदा कर अल्लाह की इबादत की।