बच्चों के खाते में किताब खरीदने के लिए सीधे राशि भेजने के बाद भी मांझा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय धर्मपरसा में पढ़ने वाले बच्चे बिना किताब के पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों के खाते में से राशि निकाल लेने के बाद भी उनके अभिभावकों ने बच्चों के लिए किताब नहीं खरीदी है। इस बात का खुलासा जिला एमडीएम प्रभारी धनंजय पासवान के धर्मपरसा विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचने पर हुआ। एमडीएम प्रभारी ने बिना किताब के बच्चों को पढ़ते देख शिक्षकों को बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर उनसे सरकार से किताब खरीदने के लिए मिली राशि से किताब खरीद कर बच्चों को देने के लिए समझाने का निर्देश दिया।
सरकारी विद्यालयों की जांच करने के शिक्षा विभाग के निर्देश के आलोक में जिला एमडीएम प्रभारी धनंजय पासवान ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय धर्मपरसा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों के मिलने वाली प्रोत्साहन राशि, पोशाक राशि, छात्रवृत्ति योजना, पुस्तक, बच्चियों के नेपकीन, एमडीएम आदि की जांच किया। जांच के दौरान बिना किताब के बच्चों को पढ़ते देख उन्होंने शिक्षकों से पूछताछ किया तो उन्हें बताया गया कि बच्चों के खाते में किताब खरीदने की राशि चली गई है। बच्चों के खाते से राशि की निकासी भी कर ली गई है। लेकिन किताब नहीं खरीदी गई है। जिस पर एमडीएम प्रभारी ने शिक्षकों को बच्चों के अभिभावकों को विद्यालय बुलाकर सरकारी से मिली राशि से उन्हें अपने बच्चे के लिए किताब खरीदने के लिए समझाने का निर्देश दिया। वहीं दूसरी तरफ मांझा सीओ शाहिद अख्तर ने उत्क्रमित मध्य विधालय अमैठी खुद सहित कई विद्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद सीओ ने बताया कि कुछ विद्यालयों में सफाई की व्यवस्था ठीक ठाक थी। लेकिन कुछ विद्यालयों की व्यवस्था काफी खराब पाई गई। इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया गया है।