पंचदेवरी प्रखंड के पंचदेवरी बाजार के समीप एक बाइक पर सवार होकर मीटिंग में भाग लेने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जा रही दो आशा कार्यकर्ता सहित तीन लोग हादसे के शिकार हो गए। इस हादसे में एक आशा कार्यकर्ता की मौके पर ही मौत हो गई तथा एक अन्य आशा कार्यकर्ता व बाइक चला रहा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल आशा कार्यकर्ता तथा युवक को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। लेकिन घायल आशा कार्यकर्ता की हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया। हादसे में आशा कार्यकर्ता की मौत की जानकारी मिलने पर काफी संख्या में आशा कार्यकर्ता सड़क पर उतर आईं। उन्होंने घटनास्थल पर सड़क का जाम कर दिया। मौके पर बीडीओ डॉ.आनंद कुमार विभूति व थानाध्यक्ष गौतम कुमार पहुंच कर आशा कार्यकर्ताओं को समझाने में जुटे हैं। समाचार लिखे जाने तक आशा कार्यकर्ता मृतक तथा घायल आशा कार्यकर्ता को मुआवजा देने की मांग पर अड़ी हुई थीं।
बताया जाता है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पंचदेवरी में आशा कार्यकर्ताओं की मीटिंग आयोजित थी। इस मीटिंग में शामिल होने महंथवा गांव निवासी सुभाष सिंह की पत्नी आशा कार्यकर्ता शकुंतला देवी तथा नृपत गांव निवासी आशा कार्यकर्ता मीरा देवी एक बाइक पर सवार होकर पीएचसी जा रही थीं। बाइक महंथवा गांव निवासी 20 वर्षीय गोरख साह चला रहा था। बताया जाता है कि ये लोग अभी पंचदेवरी बाजार के समीप पहुंचे ही थे कि उसी समय सामने से एक बाइक पर जूता-चप्पल का ढेर बांध कर एक व्यक्ति आ रहा था। दोनों बाइक एक दूसरे से आमने सामने गुजरने के दौरान आशा कार्यकर्ता की बाइक दूसरे बाइक पर पीछे बांधे गए जूता चप्पल के बोरे से टकरा गई। जिससे बाइक सड़क पर पलट गई। बताया जाता है कि सड़क पर बाइक पलटते ही पीछे से आ रहे एक ट्रैक्टर की ट्राली का पहिया सड़क पर गिरी दोनों आशा कार्यकर्ता तथा युवक पर चढ़ गया। जिससे मौके पर ही आशा कार्यकर्ता शकुंतला देवी की मौत हो गई तथा आशा कार्यकर्ता मीरा देवी व युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस हादसे के बाद आसपास के लोगों ने दोनों घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले गए। जहां घायल आशा कार्यकर्ता की हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया। बताया जाता है कि हादसे में आशा कार्यकर्ता की मौत की जानकारी मिलते ही मीटिंग में आई आशा कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया। घटनास्थल पर पहुंच कर आशा कार्यकर्ताओं ने सड़क को जाम कर दिया। वे मृतक तथा घायल आशा कार्यकर्ता के परिजन को मुआवजा देने की मांग कर रही हैं। समाचार लिखे जाने तक आशा कार्यकर्ता अपनी मांग पर अड़ी थीं। मौके पर पहुंचे बीडीओ तथा थानाध्यक्ष उन्हें समझाने में जुटे थे।