ज्ञानदेव पुरी हत्याकांड में पांच अज्ञात अपराधियों पर बुधवार को हथुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी घटना के एक मात्र प्रत्यक्षदर्शी चालक मुश्ताक आलम के बयान पर दर्ज की गई है। जिसमें दो बाइक पर सवार कुल पांच अपराधियों को आरोपित किया गया है।
प्राथमिकी में चालक ने बताया है कि मंगलवार को वह अपने मालिक ज्ञानदेव पुरी को लेकर एक मामले में बेल कराने के लिए गोपालगंज गया हुआ था। वहां से वे दोनों थाने के पंडितपुरा गांव में अनिल तिवारी के श्राद्ध कर्म में भाग लेने के लिए जा रहे थे। रास्ते में सोहागपुर दुर्गा मंदिर के समीप पीछे चल रहे दो बाइक पर सवार युवकों ने साइड देने के लिए डीपर दिए। जिसके बाद उसने बाइक सवारों को साइड दे दिया। इस दौरान अपराधी तबातोड़ फायरिंग करने लगे। चालक के बगल वाली सीट पर बैठे ज्ञानदेव पुरी अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी से उतर कर वापस सोहागपुर गांव की तरफ भागे। लेकिन अपराधियों ने उन्हें घेर कर गोली मार दी। फिर सभी मटिहानी के तरफ भाग गए। इस मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
कहीं गैंगवार में तो नहीं मारा गया ज्ञानदेव पुरी!
मंगलवार को हुए ज्ञानदेव पुरी हत्या कांड को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म है। जब अपराधियों ने जब यह तसल्ली कर ली कि ज्ञानदेव पुरी की मौत हो चुकी है तो सभी मौके से फरार हो गए। ज्ञानदेव के शरीर में तीन गोलियां लगी हुई थीं। एक गोली ललाट पर, दूसरी गोली दाएं आंख पर और तीसरी गोली बांए पेट में लगी। पुलिस मामले में गैंगवार, पुरानी रंजिश, ठेकेदारी व प्रॉपर्टी डीलिंग में हुए विवाद को आधार मान कर जांच कर रही है। बताया जाता है कि कुछ महीने पूर्व सीवान जिले में एक अपराधी पर हमला हुआ था। जिसमें वह बाल-बाल बच गया था। उस घटना से भी इस हत्याकांड को जोड़ कर देखा जा रहा है।