यह सड़क मीरगंज नगर को उत्तर प्रदेश से जोड़ती है। इस पथ से होकर लोग भोरे-बथुआ होते हुए कुशीनगर जाते हैं। लेकिन अब मीरगंज-बथुआ पथ चलने लायक नहीं रह गई है। गड्ढे से पटी इस सड़क पर महीनों से नाली का गंदा पानी बह रहा है। इसी गंदे पानी से होकर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। इस पथ के आसपास स्थित मोहल्ले को लोगों का अपने घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इसके बाद भी न तो नगर पंचायत और ना ही जनप्रतिनिधि इस पथ की दशा ठीक की पहल कर रहे हैं। जिससे लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय निवासियों का सब्र का बांध कभी भी टूट सकता है।
मरछिया चौक मीरगंज नगर का दिल कहा जाता है। इस चौक से होकर भोरे- बथुआ पथ निकली है। यह सड़क उत्तर प्रदेश तक जाती है। उत्तर प्रदेश के पर्यटक स्थल कुशीनगर भी इसी पथ से होकर यहां के लोग आते जाते हैं। लेकिन मरछिया चौक से बथुआ बाजार होते हुए उत्तर प्रदेश तक होने वाली इस सड़क का दशा अब काफी खराब हो गई है। नाली का पानी सड़क पर बहने से राहगीरों की परेशानी बढ़ गई है। स्थानीय निवासी डॉ. सुभाषचंद्र गुप्ता, दरोगा प्रसाद, इसरायल मियां, आलोक श्रीवास्तव, रवि तिवारी, बादल मियां, अदालत मियां आदि कहते हैं कि नगर पंचायत विकास के नाम पर हर साल लाखों रुपये खर्च करती है। इसके बद भी नगर के मुख्य सड़क की दशा बदहाल बनी हुई है। वे बताते हैं कि सड़क के किनारे आज तक नगर पंचायत ने पक्का नाली नहीं बनाया है। कच्ची नाली की भी सफाई नहीं की जाती है। जिसके कारण नाली तथा लोगों के घरों का पानी इसी सड़क पर बह रहा है। इस सड़क के एक तरफ वार्ड एक तथा दूसरी तरफ वार्ड दो पड़ा है। वार्ड संख्या दो की पार्षद ही नगर पंचायत की मुख्य पार्षद हैं। फिर भी इस सड़क की यह दुर्दशा की ओर इनका ध्यान आज तक नही गया। इस पथ से होकर पदाधिकारी अनुमंडल मुख्यालय हथुआ आते जाते हैं। उनके भी वाहन गड्ढे और जलजमाव से होकर हिचकोले खाते आगे बढ़ती है। लेकिन इसके बाद भी इस सड़क की दशा ठीक कराने की पहल नहीं की जा रही है। जिससे लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर सड़क की दशा ठीक कराने की पहल नहीं की गई तो वे लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
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