चर्चित बलेसरा पंचायत के मुखिया महातम चौधरी और उनके बेटे सतेंद्र चौधरी की हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है. इस कांड के सुनवाई के दौरान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता के कोर्ट ने आर्म्स एक्ट में अनुमति नहीं देने के मामले को गंभीरता से लिया है.
कोर्ट ने गुरुवार को दोषी अधिकारी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना का आदेश दिया है. कोर्ट ने गोपालगंज के डीएम से कहा है कि इस पूरे मामले में यह तय करें कि इसके लिए दोषी कौन है.
जो भी दोषी है उनके वेतन से 50 हजार रुपये काट कर कोर्ट की नजारत में जमा करें. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अनुमति नहीं मिलने के कारण कोर्ट का समय जाया हो रहा. पुलिस ने चर्चित मुखिया हत्याकांड में ही जून 2018 में ही कोर्ट को चार्जशीट सौंप दी है.
चार्जशीटट आर्म्स एक्ट में भी दाखिल की गयी है, लेकिन उसमें अनुमति नहीं होने के कारण कोर्ट संज्ञान नहीं ले पा रहा. मुख्य आरोपित पिछले नौ माह से जेल में बंद है. कोर्ट ने डायरी के अवलोकन में पाया है कि अनुमति के लिए डीएम से प्रे किया है, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गयी है. आरोपितों को इसका लाभ मिल सकता है.
11 जून को पुलिस के हत्थे चढ़ा था सूरज सिंह : बलेसरा के मुखिया महातम चौधरी के घर अंधाधूंध गोलीबारी कर किये गये हत्या के मामले में पुलिस ने 11 जून 2018 को उचकागांव थाना क्षेत्र के बंकीखाल गांव के रहने वाले कुख्यात शूटर सूरज सिंह को गिरफ्तार किया था. उसके बताने के अनुरूप पुलिस ने उसके घर छापेमारी कर घर के पिछवाड़े से हत्या में उपयुक्त हथियार जब्त किया था.
इस मामले में पहले ही पैक्स अध्यक्ष सुरेश चौधरी व बबलू दूबे के इशारे पर अपने साथी सूरज तिवारी, सीवान के मैरवा थाना क्षेत्र के बड़का मांझा गांव के प्रजापति राकेश व मीरगंज के एकडंगा के साहेब अंसारी ने मिलकर हत्या की थी. इस मामले में बगैर डीएम की अनुमति के आर्म्स एक्ट में चार्जशीट दिये जाने का मामला सामने आया है.
गत 29 मई 2018 की शाम सात बजे उचकागांव थाना क्षेत्र के बलेसरा पंचायत के पिड़रा गांव में मुखिया महातम चौधरी, इनके पुत्र सत्येंद्र यादव, नागेंद्र यादव व मालती देवी को अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर छलनी कर दिया था.
सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मुखिया पुत्र सत्येंद्र चौधरी की मौत हो गयी, जबकि 31 मई को गोरखपुर मेडिकल में मुखिया महातम चौधरी ने दम तोड़ दिया था. मुखिया की पत्नी मालती देवी व पुत्र नागेंद्र का इलाज पीजीआइ लखनऊ में चला.