मां सरस्वती की प्रतिमा जबरन विसर्जित कराने का पुलिस पर आरोप लगातेह कुचायकोट बाजार तथा आसपास के ग्रामीण सड़क पर उतर आए। आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल चौराहे के पास सड़क को जाम कर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए सड़क पर टायर जला दिया। ग्रामीणों के आक्रोश देखते हुए आसपास के आधा दर्जन थानों की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया । हालांकि कुचायकोट थानाध्यक्ष , बीडीओ तथा अन्य पदाधिकारियों के काफी प्रयास के बाद ग्रामीणों को समझा कर शांत करा दिया।
सरस्वती पूजा को लेकर प्रशासन ने सोमवार को प्रतिमा विसर्जन का समय निर्धारित किया था । कुछ पूजा समितियां सोमवार को प्रतिमा विसर्जन नहीं करना चाहती थी । लेकिन कुचायकोट बाजार में स्थापित पूजा प्रतिमा को प्रशासन के दबाव में सोमवार को विसर्जित कर दिया गया । मंगलवार को जब बाजारवासियों को जानकारी मिली कि उचकागांव पूजा समिति द्वारा स्थापित मां सरस्वती प्रतिमा ढोल ताशे, गाजे-बाजे और हाथी घोड़ों के साथ विसर्जन के लिए ले जाई जा रही है। जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल चौराहे पर पहुंच कर सड़क को जाम कर दिया। जिसके चलते उचकागांव से आ रहा विसर्जन जुलूस रुक गया । इस दौरान विरोध कर रहे लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर आगजनी शुरू कर दिया। प्रशासन के खिलाफ नारे लगने लगे। ग्रामीणों का आरोप था कि कुचायकोट बाजार की प्रतिमा जबरन विसर्जित करा दिया। वहीं उचकागांव की प्रतिमा मंगलवार को विसर्जित की जा रही हैं। सड़क जाम करने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। इस बीच सूचना मिलने पर एएसपी विनजय तिवारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने ग्रामीणों के उग्र तेवर को देखते हुए गोपालपुर, उचकागांव, विशंभरपुर, फुलवरिया समेत आधा दर्जन थानों की पुलिस मौके पर बुला दिया। बाद में काफी समझाने पर ग्रामीण शांत हो गए।