रविवार को विद्या की अधिष्ठात्रि मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाएगी। मां सरस्वती की पूजा अर्चना के दौरान पूरे जिले में कड़ी चौकसी रहेगी। पूजा तथा मूर्तियों के विसर्जन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए दंडाधिकारी के अलावा पर्याप्त संख्या में जवान तैनात कर दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रतिमा विसर्जन जुलूस के लिए रूट निर्धारित कर संवेदनशील स्थानों में कड़ी चौकसी कर दी गई है।
जिले में सैकड़ों पूजा पंडाल स्थापित कर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। रविवार को सरस्वती पूजा को देखते हुए प्रशासनिक स्तर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था ही गई है। पूजा पंडालों के साथ ही आसपास के इलाकों में नजर रखने के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारियों को तैनात कर दिया गया है। संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर वहां अतिरिक्त चौकसी बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी अनिमेष कुमार पराशर तथा पुलिस अधीक्षक राशिद जमा ने सरस्वती पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित कर दिशानिर्देश जारी कर दिया है। धार्मिक अनुष्ठान व पूजा में बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही बगैर लाइसेंस के विसर्जन जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
निर्धारित रूट से ही निकलेगा जुलूस:
प्रशासनिक स्तर पर मूर्ति विसर्जन का जुलूस निर्धारित किए गए रूट से ही ले जाने का निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही मूर्ति विसर्जन जुलूस निकालने के लिए अनुमंडल कार्यालय से का लाइसेंस लेने का निर्देश पूजा समितियों को दिया गया है। प्रशासन ने निर्धारित रूट का अक्षरश: अनुपालन कराने का निर्देश जारी किया है।
24 घंटे कार्य करेगा नियंत्रण कक्ष:
सरस्वती पूजा को लेकर जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। जो 10 फरवरी की सुबह से मूर्ति विसर्जन के दिन तक 24 घंटे काम करेगा। यहां आठ-आठ घंटे की पाली में वरीय पदाधिकारी के अलावा दंडाधिकारियों की तैनाती करने का निर्देश दिया गया है। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष सदर अनुमंडल कार्यालय परिसर में स्थापित किया गया है।
रात के दस बजे के बाद नहीं बजेंगे लाउडस्पीकर:
सरस्वती पूजा के दौरान दिन के छह बजे से रात के दस बजे के बीच ही लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति होगी। रात के दस बजे के बाद लाउडस्पीकर नहीं बजेंगे। लाउडस्पीकर बजाने के दौरान भी इसके लिए निर्धारित नियमों का शत प्रतिशत अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
पूजा पंडालों को दिया गया अंतिम रूप:
सरस्वती पूजा को लेकर शनिवार को पूरे दिन पूजा पंडालों को बनाने का दौर चलता रहा। जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक में युवा वर्ग के लोगों से लेकर स्कूली बच्चों में पर्व को लेकर खासा उत्साह दिखा। पूजा समितियों की ओर से पंडालों को सजाने संवारने से लेकर मूर्तियों को मूर्तिकारों के यहां से लाकर पंडाल में रखे जाने का दौर पूरे दिन चला। इस बीच बाजार में मां सरस्वती की पूजा अर्चना के दौरान उपयोग में लाए जाने वाली सामग्री की भी जमकर खरीद व बिक्री हुई।