गुरुवार की सुबह कोहरे के प्रकोप तथा सर्द हवाओं के कारण जन जीवन पूरी तरह से प्रभावित रहा। पिछले पांच दिन से रात का तापमान सात डिग्री व उसके नीचे बना रहा। इसी बीच बुधवार की रात तापमान गिरकर सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। गुरुवार को दोपहर बाद हल्की धूप निकली। बावजूद इसके ठंड का असर कम नहीं हुआ। शाम ढलते ही ठंड का असर फिर बढ़ गया।
दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से पूरे जिले में ठंड का प्रकोप तेज हो गया है। इस बीच दिन तथा रात का तापमान में भी हर दिन गिरावट दर्ज हो रही है। बुधवार की रात भी इस मौसम की सबसे सर्द रातों में से एक रही। रात के करीब साढ़े सात बजे ओस की बूंदे जमीन पर टपकती दिखी। इस बीच हवा की रफ्तार अधिक होने के कारण रात्रि समय पारा गिरकर सात डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। गुरुवार की सुबह भी ठंड के कारण लोग अपने घरों में दुबके रहे। लोगों को उम्मीद थी कि दिन चढ़ने के बाद धूप निकलेगी। लेकिन दोपहर बाद हल्की धूप निकली। महज कुछ देर के लिए निकली इस धूप के बावजूद ठंड का असर कम नहीं हुआ। ऐसे में लोगों को ठंड से दिन में भी राहत नहीं मिली। तेज हवा के कारण कड़ाके की सर्दी से हरेक वर्ग के लोग परेशान रहे। सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी कुछ दिन और मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। सर्द हवाओं के साथ तापमान के गिरने का सिलसिला जारी रहेगा।
अभी और गिरेगा तापमान:
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर-पश्चिम में मौजूद पहाड़ों की ओर से चलने वाली हवाओं की वजह से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ी है। हवाओं में काफी अधिक नमी होने के कारण वातावरण में घना कोहरा छा जा रहा है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड अभी और बढ़ेगी। ऐसे में ठंड का प्रकोप अगले एक सप्ताह तक अधिक रहने की संभावना है।
बाजारों पर भी पड़ा ठंड का असर:
गुरुवार को तेज सर्द हवाओं के बीच कड़ाके की ठंड का असर बाजारों में भी साफ दिखा। नव वर्ष का पहला दिन होने के बावजूद ठंड के कारण बाजारों में अन्य दिनों की अपेक्षा चहल पहल काफी कम रही। दुकानों पर सन्नाटे की स्थिति बनी रही। ठंड से बचने के लिए दुकानदार तथा उनके कर्मचारी गुरुवार को दिन के दस बजे तक गत्ता व कागज आदि दुकान के बाहर जला कर आग तापते दिखे।