बात एनएच 28 पर बने डुमरिया पुल से शुरू करते हैं। आज इस पुल की जर्जर स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसपर जब वाहन चलते हैं तो पुल हिलने लगता है। पुल के दोनों ओर बनाए गए रे¨लग कई स्थानों पर उखड़ या टूट चुके हैं। करीब छह साल से इस पुल की दशा ऐसी ही है। इस अवधि में कई बार पुल की मरम्मत भी हुई। बावजूद इसके इसकी दशा में अपेक्षित सुधार नहीं हो सकी है। वैसे डुमरिया पुल तो एक उदाहरण भर है। जिले में कई पुलों की दशा काफी जर्जर हो गई है। इन जर्जर पुलों की समय रहते मरम्मत नहीं कराए जाने से इनकी दशा दिनों दिन खराब होती जा रही है। हाईवे से लेकर सुदूर ग्रामीणों इलाकों में स्थित जर्जर पुल से गुजरने वाले वाहनों के चालक तथा वाहनों में बैठे लोगों की ¨जदगी हमेशा खतरे में रहती है। इसके बाद भी इन जर्जर पुलों की दशा सुधारने की दिशा में प्रशासनिक स्तर पर अब तक पहल नहीं की गई है।
लंबे समय से अंटका समानांतर पुल बनाने का कार्य:
हाइवे पर डुमरिया पुल की जर्जर स्थिति को देखते हुए करीब सात साल पूर्व समानांतर पुल बनाने का कार्य एनएचइआई की ओर से प्रारंभ की गई। लेकिन इस पुल के निर्माण के समय से ही घटिया सामानों को लगाए जाने की शिकायतें आने लगी। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सात साल से पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन यह कबतक पूरा होगा, यह बता पाने में विभाग भी अपने आप को अक्षम पा रहा है। आलम यह कि इस अवधि में कई बार निर्माणाधीन
पुल के पाए टूटकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। दरक गया पुल का स्लैब:
प्रखंड के रामपुर गांव के समीप स्थित गंडक नहर पर बनाए गए पुल का स्लैब दरक गया है। ऐसे में इस पुल पर कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। पुल की जर्जर दशा को देखते हुए ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन को पत्र लिखकर इसकी मरम्मत कराने की मांग की। लेकिन लंबी अवधि बीतने के बाद भी इसकी दशा में सुधार नहीं हो सका है।
इस पुल पर कभी भी बड़ा हादसा संभव:
प्रखंड के हाई स्कूल की तरफ जाने वाले पुल पर कभी भी हादसा हो सकता है। पुल के जर्जर हो जाने से इसकी स्थिति गम्भीर हो गई है। ज्ञातव्य है कि प्रखंड स्तर के सभी अधिकारी इसी पुल से होकर जाते हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी को इसकी ¨चता नही है। बताते चलें की प्रखंड मुख्यालय, मांझागढ़ थाना, माधव हाई स्कूल, अंचल कार्यालय, बीआरसी भवन, आंगनबाडी कार्यालय, मिडिल स्कूल, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, पशु अस्पताल जाने के लिए लोगों को इसी पुल से होकर गुजरना पड़ता है। वहीँ बलुआ टोला, अलापुर, मिश्रवलिया, गद्दी टोला, शेखपरसा सहित दर्जनों गांव के लोगों को मुख्यालय से जुड़ने के लिए इसी पूल का सहारा लेना पड़ता है।
ध्वस्त हो चुका है मलपुरा पुल:
प्रखंड के मलपुरा से पटखौली होते हुए पटखौली होते हुए बगही बाजार की ओर जाने वाली पथ पर सोना नदी पर बनाया गया वर्षों पुराना जर्जर पुल ध्वस्त हो चुका है। जिससे इस रास्ते से होकर आवागमन पूरी तरह से बाधित है। उल्लेखनीय है कि इस सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक वर्ष पूर्व कराया गया है लेकिन पुल के ध्वस्त हो जाने के कारण इस रास्ते से आवागमन पूरी तरह बाधित है।
खतरनाक हो चुका है परसौनी गांव का पुल:
प्रखंड के बहेहवां बाजार के समीप परसौनी का पुल पूरी तरह से खतरनाक हो चुका है। टू लेन वाली चमकदार सड़क पर बनाया गया ¨सगल लेन के घुमावदार पुल पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है। इस घटना में कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके पुल की दशा को आजतक ठीक नहीं किया जा सका है। इसी प्रकार प्रखंड के जमुनहां बाजार से पंचदेवरी आने वाली मुख्य पथ पर सिधरियां गांव के समीप स्थित पुल की भी दशा ठीक नहीं है। ऐसे में यहां भी कई बार दुर्घटना हो चुकी हैं।