उचकागांव थाना क्षेत्र के परसौनी खास पंचायत के मुडाडीह गांव में सोमवार की रात एक बाइक की चपेट में आने से एक सेवानिवृत्त मेजर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल को परिजन इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए। लेकिन उनकी हालत गंभीर देख उन्हें चिकित्सक ने गोरखपुर रेफर कर दिया। गोरखपुर ले जाते समय रास्ते में ही इनकी मौत हो गई। हादसे में सेवानिवृत्त मेजर की मौत से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है।
बताया जाता रहा है कि मुडाहीह गांव निवासी सेवानिवृत्त मेजर 80 वर्षीय रामानंद प्रसाद सोमवार की रात खाना खाने के बाद सामपुर- दहीभाता मुख्य पथ पर टहल रहे थे। इसी दौरान उधर से गुजर रही एक बाइक ने इन्हें टक्कर मार दिया। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल सेवानिवृत्त मेजर को परिजन इलाज के लिए शहर स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया। लेकिन उनकी हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उन्हें गोरखपुर रेफर कर दिया। गोरखपुर ले जाते समय रास्ते में ही सेवानिवृत मेजर की मौत हो गई। बताया जाता है कि हादसे के शिकार बने सेवानिवृत्त मेजर का इकलौते पुत्र पश्चिम बंगाल के अंडाल में रेल विभाग में कार्यरत हैं। वहीं अपने परिवार के साथ रहते हैं। गांव में स्थित अपने घर पर सेवानिवृत्त मेजर अपनी पत्नी पार्वती देवी तथा पुत्री अनीता देवी के साथ रहते थे। हादसे में सेवानिवृत्त मेजर की मौत की सूचना उनके पुत्र को दे दी गई है। ग्रामीण उनके पुत्र के गांव आने का इंतजार कर रहे हैं।
1962 व 1971 के युद्ध में दिखा चुके थे अपनी वीरता:
हादसे के शिकार बने सेवानिवृत्त मेजर रामानंद प्रसाद काफी साहसी और मिलनसार व्यक्ति थे। उनमें देश सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी थी। पठानकोट, असम के तिनसुकिया सहित कई जगहों पर सेना में नौकरी के दौरान अपनी सेवा दे चुके थे। अपनी सेवा के दौरान उन्होने 1962 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में अपनी बहादुरी दिखाई थी। सन 1971 में भी ये शामिल हुए थे। इस युद्ध में इनके पराक्रम को देखते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री ने इन्हें मेडल देकर सम्मानित किया था। ये 22 वर्ष तक सेना में अपनी सेवा देने के बाद सन 1983 में असम के तिनसुकिया से मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।