एडीजे आठ शोभाकांत मिश्रा की कोर्ट ने छह साल पुराने एक दहेज हत्या के मामले में चार आरोपितों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 40-40 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर उन्हें छह-छह माह की साधाराण कारावास की सजा भी काटनी होगी। ज्ञात हो कि सीवान जिले के बड़हरिया थाने के चन्द्रमन हाता गांव के फुलगनी मियां की पुत्री सलमा खातून की शादी वर्ष 2000 में भोरे थाने के पियरौटा गांव के जमादार मियां के पुत्र अनवर मियां के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों के बाद दहेज के लिए उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। प्रताड़ना के दौरान ही 27 जुलाई 2012 को उसकी हत्या कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को दफना दिया गया। इस मामले को लेकर सलमा के पिता फुलगनी मियां ने भोरे थाने में मृतका के पति अनवर मियां, सास सोबरतनी खातून, ननद सबाना खातून, लाल टमाटर व लालबाबू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में कांड के अनुसंधानक ने ननद सबाना खातून के खिलाफ अनुसंधान जारी रखते हुए अन्य चार आरोपितों के खिलाफ वर्ष 2014 में आरोप पत्र कोर्ट में समर्पित कर दिया था। इसके बाद कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी। सोमवार को अभियोजन पक्ष से एपीपी रामेश्वर सिंह व बचाव पक्ष से अधिवक्ता चंडी पाण्डेय की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई।