पुलिस ने चर्चित दयाशंकर बिंद हत्याकांड का खुलासा कर दिया है. हत्याकांड में शामिल चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है. चारों युवक दयाशंकर के दोस्त हैं. दोस्तों ने ही साजिश कर अपने रास्ते से दयाशंकर को हटाने के लिए उसी के कार में उसका गला रस्सी से घोंट कर मार डाला. गिरफ्तार युवकों ने जब खुलासा किया तो पुलिस के भी होश उड़ गये. पुलिस अभी इस कांड के कुछ और गुत्थी को सुलझाने में लगी है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कुचायकोट थाना क्षेत्र के बेलवावृत गांव के रहने वाले बुनीलाल प्रसाद के बेटा दयाशंकर बिंद अपने ही गांव के दिलीप कुमार, अवधेश बिंद तथा गोपालगंज के रहने वाले पंकज कुमार के साथ मिलकर यूपी से शराब के कारोबार में पिछले एक साल से जुटा हुआ था. इसी शराब के कारोबार के दौरान दयाशंकर के अवैध संबंध उसके दोस्त की पत्नी से हो गये, तो एक दोस्त की बहन से भी उसके गलत संबंध हो गये. गलत संबंध की जानकारी होने पर उसे रास्ते से हटाने की साजिश की गयी.
हंगामे में अहम भूमिका निभा रहा था दिलीप: दयाशंकर की हत्या को अंजाम देने के बाद उसके परिजनों से कहकर उसके लापता होने की शिकायत भी दिलीप ने ही थाने में दर्ज करायी थी. इतना ही नहीं, जिस दिन शव मिला यानी सोमवार को आंदोलन में भी हंगामे में सबसे आगे रहा. मोबाइल के सर्विलांस के जरिये पुलिस सोमवार को हंगामे के बीच से दिलीप को उठाया.
जब पूछताछ होने लगी तो एक पर एक हत्या की गुत्थी सुलझने लगी.
हत्या से पहले एक साथ किया चाय-नाश्ता:
एक जून को दयाशंकर अपनी बहन के घर उचकागांव थाना क्षेत्र के पिपराही दनियालपुर से भांजी को पहुंचाने गया था. इसकी जानकारी उसके दोस्त दिलीप को थी. दिलीप ने अपने साथ अवधेश सिंह तथा गोपालगंज से पंकज को बुलाया. पंकज के साथ शराब का काम करने वाला सीवान के इस्लामिया मुहल्ला के रहने वाले साबिर उर्फ उजाले के साथ उचकागांव थाना क्षेत्र के इसमाइल चौराहा पर पहुंच गये, जैसे ही दयाशंकर भांजी को छोड़कर आया कि उन्हें हाथ देकर रोक लिया. इसमाइल मोड़ पर सभी ने एक साथ बैठकर चाय और नाश्ता किये. उसके बाद कार में बैठ गये. आगे बढ़ते ही उसके गला में रस्सा बांधकर घोंट दिया. मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. उसकी शव को डिक्की में डाल कर नगर थाना क्षेत्र के एकडेरवा की झाड़ी में ले जाकर फेंक दिया, कार को विशंभरपुर थाना क्षेत्र के सिसवा गांव के पास सड़क पर छोड़ दिया.
फॉरेंसिक जांच में कार में मिला ब्लड:
फॉरेंसिक जांच में बरामद किये गये कार से ब्लड पाया गया. इसके नमूने को जांच टीम के अधिकारियों ने एकत्रित कर लैब भेज दिया है. पुलिस के वरीय अधिकारी गुरुवार को प्रेसवार्ता करेंगे. फिलहाल कुचायकोट के थानाध्यक्ष अवधेश कुमार इस पूरे कांड की गुत्थी सुलझाने में जुटे हुए हैं. इस कांड में कुछ और लोगों के शामिल होने की संकेत मिले हैं.
दयाशंकर को मिलने वाला था शराब का पैसा:
पुलिस अधिकारियों की मानें तो दिलीप पिछले एक साल से हो रहे शराब के कारोबार की आमदनी को ले रहा था. एक जून से दयाशंकर को अगले एक वर्ष तक की आमदनी का पूरा पैसा मिलना था. दिलीप ने शराब की आमदनी से न सिर्फ गोपालगंज शहर में घर बना लिया बल्कि ट्रैक्टर आदि भी खरीद लिया.
दिलीप को लगा कि अब पैसा अगर दयाशंकर के पास जाता है तो वह आगे बढ़ जायेगा, इसलिए अवधेश बिंद को अपने साथ जोड़कर दयाशंकर की हत्या का साजिश रच ली.