थाना क्षेत्र के पिडरा गांव में गोली लगने से घायल मुखिया महातम चौधरी की मौत के बाद बालाहाता में उग्र ग्रामीणों के साथ प्रदर्शन कर रहीं दिवंगत मुखिया की बहन ने आरोप लगाया कि उनके भाई महातम चौधरी की मौत गोली लगने से नहीं हुई है। मुखिया के बहन का कहना था कि इलाज के दौरान उनके भाई महातम चौधरी बुधवार की दोपहर तक स्वस्थ महसूस कर रहे थे और लोगों से बातें भी कर रहे थे। उनकी दुश्मनी पंचायत के बड़े रसूख वाले लोगों के साथ थी। जिन लोगों ने साजिश के तहत उन्हें उनके भाई के घर पर फाय¨रग कराई थी। गोली लगने से घायल उनके भाई का इलाज मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में चल रहा था। वे अब ठीक हो रहे थे। उनका आरोप था कि इस दौरान उन्हें साजिश के तहत जहर दे दिया गया। जिससे उनकी मौत हो गई। उन्होंने इस हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया।
मुखिया को हो चुका था अपनी मौत का आभास:
बलेसरा पंचायत मुखिया महातम चौधरी को अपनी मौत का आभास हो चुका था। गोली लगने के बाद मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती मुखिया से मिलने राजद नेता प्रभुनाथ यादव गए थे। बुधवार की दोपहर मुखिया ने उनसे बातचीत भी किया था। राजद नेता ने बताया कि दिवंगत मुखिया ने अपनी मौत से पूर्व उनसे कहा था कि उन्होंने पंचायत चुनाव में मुखिया का पद पाने के लिए राजनीति जरूर शुरू किया। लेकिन हमने मरने-मारने की राजनीति नहीं की। पंचायत के कुछ लोगों द्वारा पद पाने के लिए मेरी हत्या के नियत से मेरे और मेरे परिवार के ऊपर गोली चलवाई गई। राजद नेता बताया कि मुखिया की बातें सुन कर उन्हें लग रहा था कि वे स्वस्थ हो रहे है। लेकिन मुखिया को इस बात का आभास हो गया था उनकी जल्द ही मौत होने वाली है। वे बार-बार कह रहे थे कि वह ज्यादा देर तक जीने वाले नहीं हैं। इसके दो घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई।