मांझा थाना क्षेत्र के झंझवा गांव के समीप शुक्रवार की सुबह एनएच 28 के किनारे खड़े होकर बात कर रहे दो ग्रामीणों को एक अनियंत्रित बोलेरो ने रौंद दिया। जिससे दोनों ग्रामीणों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों ग्रामीण आपस में गहरे दोस्त थे। इस हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतकों का शव सड़क पर रख कर हाईवे जाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक सड़क जाम करने के कारण हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। हालांकि बाद में पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझा कर शांत करने के बाद मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। हादसे के बाद बोलेरो चालक वाहन सहित फरार हो गया। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
बताया जाता है कि मांझा थाना क्षेत्र के कोईनी धमनी टोला गांव निवासी 60 वर्षीय गिरजा भगत अपने दोस्त झंझवा निवासी 60 वर्षीय जनक सिंह से मिलने उनके घर आए थे। घर पर मिलने के बाद दोनों दोस्त गांव के पास एनएच के किनारे खड़े होकर बातचीत करने लगे। उस समय घना कोहरा था। इसी बीच तेज गति से आ रही एक बोलेरो ने दोनों दोस्तों को रौंद दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे के बाद बोलेरो चालक वाहन सहित भाग निकला। इस हादसे को देख कर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतकों का शव सड़क पर रख कर एनएच जाम कर दिया। ग्रामीण बोलेरो चालक को गिरफ्तार करने तथा वरीय पदाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। करीब तीन घंटे तक चले जाम के कारण एनएच पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई।
ग्रामीणों की पकड़ में नहीं आया बोलेरो चालक
बोलेरो से कुचलने से दो लोगों की मौत के बाद ग्रामीणों में उग्र हो गए थे। हादसे के समय आसपास खड़े ग्रामीणों ने बोलेरो चालक को पकड़ने के लिए उसका पीछा भी किया। लेकिन बोलेरो चालक तेज गति से वाहन लेकर फरार हो गया। बताया जाता है कि जब जनक सिंह तथा गिरजा भगत हाईवे किनारे खड़े होकर आपस में बातचीत कर रहे थे उस समय उनके थोड़ी दूरी पर कुछ और ग्रामीण खड़े थे। सुबह कोहरा था। तभी तेज गति से आ रही एक बोलेरो अनियंत्रित हो गई तथा सड़क किनारे बातचीत कर रहे जनक सिंह तथा गिरजा भगत को रौंद दिया। ग्रामीण बताते हैं कि ग्रामीणों को रौंदने के बाद बोलरो आसपास खड़े लोगों की तरफ भी तेजी से आई। लेकिन तब तक लोगों ने तेजी से भाग कर अपनी जान बचा लिया। बताया जाता है कि इस घटना के बाद बोलेरो चालक ने तेज गति से भागने लगा। जिसे देख कर कुछ लोगों ने उसको पकड़ने के लिए पीछा भी किया। लेकिन कोहरे के कारण कुछ देर में ही बोलेरो पीछा कर रहे लोगों के आंखों से सामने से ओझल हो गया। पीछा करने वाले लौट कर घटनास्थल पर पहुंचे तो देखा की जनक सिंह तथा गिरजा भगत की मौत हो चुकी है।
बचपन के दोस्त थे जनक सिंह तथा गिरजा भगत
हादसे के शिकार बने झंझवा गांव निवासी जनक सिंह तथा कोईनी गांव निवासी गिरजा भगत बचपन से दोस्त थे। हम उम्र होने के कारण दोनों ने एक साथ पढ़ाई शुरू की थी। उम्र बढ़ने के साथ इनके बीच दोस्ती और प्रगाढ़ हो गई। ग्रामीण बताते हैं कि जनक सिंह तथा गिरजा सिंह रोज एक दूसरे से मिलते थे। कभी जनक सिंह गिरजा भगत के घर चले जाते थे तो कभी गिरजा भगत जनक सिंह के
घर आकर उससे काफी देर तक बातें करते थे। शुक्रवार की सुबह भी गिरजा भगत जनक सिंह से मिलने आए थे। घर में काफी देर बातचीत करने के बाद गिरजा भगत अपने घर जाने के लिए निकले तो जनक सिंह भी उन्हें छोड़ने के लिए एनएच तक आ गए और फिर दोनों सड़क किनारे खड़े होकर आपस में बातचीत करने लगे। तभी तेज गति से आ रही एक बोलेरो ने दोनों दोस्तों को रौंद दिया। जिससे मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।
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