नोटबंदी के दौर में भोरे स्थित केनरा बैंक की शाखा से चेक का क्लोन बना कर एनआरआई खाते से हुए 10 लाख रूपए के स्थानांतरण मामले की जांच के लिए गुरुवार को पटना से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बैंक पहुंच कर जांच की। इस दौरान जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर से राशि दूसरे के खाते ट्रांसफर किया गया था, उनका बयान भी कलमबद्ध किया गया। हालांकि जांच के दौरान टीम को क्या हाथ लगा, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। बताया जाता है कि नोटबंदी के समय कटेया थाना क्षेत्र के जमुनहां निवासी चानस प्रसाद के एनआरआई खाते के लिए जारी चेक का क्लोन बना कर पश्चिम बंगाल के एक खाते में 10 लाख रूपए स्थानांतरण कर दिया गया था। जिस वक्त रुपया का स्थानांतरण किया गया था, उस समय चानस प्रसाद विदेश में थे। इस बात का खुलासा तब हुआ, जब वे विदेश से वापस आए। खाते रूपए की निकासी करने जब वे बैंक पहुंचे, तो बैंक द्वारा जानकारी दी गई कि उन्होंने चेक के माध्यम से दूसरे खाते में 10 लाख रुपया का स्थानांतरण किया है। जिसे चेक से रुपया का स्थानांतरण किया गया था, वो चेक चानस प्रसाद के पास ही था। बाद में जांच के दौरान पता चला कि जिस चेक से रुपया ट्रांसफर किया गया था, वह चेक का क्लोन था। इस मामले को लेकर चानस प्रसाद ने स्थानीय थाने में बैंक कर्मियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बाद में यह मामला आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया गया। गुरुवार को पटना से आई आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने मामले की जांच की। जिन अधिकारियों के हस्ताक्षर से रुपया ट्रांसफर किया गया था, उनका बयान दर्ज किया गया।
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