थावे थाना क्षेत्र के चितु टोला गांव से सात वर्षीय मासूम की हत्या के मामले में नामजद दो आरोपित को अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्र के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
थावे थाना क्षेत्र के चितु टोला गांव से सात वर्षीय मासूम की हत्या के मामले में नामजद दो आरोपित को अष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभाकांत मिश्र के न्यायालय ने दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने दोनों को तीस-तीस हजार रुपये अर्थदंड भी देने का आदेश जारी किया है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को सजा काटने के लिए जेल भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार करीब पांच साल पूर्व 14 अगस्त 2012 को थावे थाना के चितु टोला गांव के प्रियांशु पाण्डेय का उस समय अपहरण कर लिया गया, जब वह खेलने के लिए घर से बाहर निकला था। मासूम के घर से गायब होने के कुछ देर बाद ही उसके परिवार के लोगों ने पांच लाख रुपये फिरौती की मांग की गई। घटना को लेकर अपहृत मासूम के पिता प्रेमसागर पाण्डेय के बयान पर थावे थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध फिरौती के लिए मासूम के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गई। अभी पुलिस मामले की छानबीन कर रही रही थी कि प्रियांशु का शव थावे थाना क्षेत्र के रिखई टोला गांव के समीप स्थित खेत में पड़ा मिला। पूरे मामले की जांच के बाद पुलिस ने इस घटना में संलिप्त रहे चितु टोला गांव के ही अर्जुन पाण्डेय तथा संतोष पाण्डेय को गिरफ्तार किया। आरोप पत्र आने के बाद इस चर्चित घटना में सत्र न्यायालय में सुनवाई प्रारंभ हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आलोक में सत्र न्यायालय ने कांड में नामजद अर्जुन पाण्डेय तथा संतोष पाण्डेय को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास तथा तीस-तीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
काफी समय तक चर्चित रहा था मामला
वर्ष 2012 में हुई प्रियांशु हत्याकांड लंबे समय तक चर्चा में रहा था। घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के तत्काल बाद पुलिस इस कांड की छानबीन में जुट गई थी। तत्कालीन एसपी की सक्रियता के कारण पुलिस ने जल्द ही पूरे घटनाक्रम से पर्दाफाश करने में सफलता प्राप्त किया था।
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