कुचायकोट प्रखंड के बनतैल पंचायत के मठिया गांव के पास गंडक नहर पर बने एक जर्जर पुल का एक हिस्सा शुक्रवार को ध्वस्त हो गया। जिससे पुल से होकर गुजर रहे आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए। घायलों में चार को मामूली चोटें आईं, जबकि दो की स्थिति गंभीर है। जिन्हे इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे भर्ती किया गया है। हादसे के शिकार बने सभी बच्चे नहर पुल से होकर पढ़ने के लिए अपने स्कूल जा रहे थे। इस घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे बीडीओ दीपचन्द्र जोशी तथा बीइओ हरेंद्र दुबे ने स्थिति का जायजा लेते हुए घायल बच्चो का हालचाल जाना।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मठिया गांव के समीप गंडक नहर पर 60 के दशक का बना एक पुल है। यह पुल अत्यंत जर्जर हो गया है। इस पुल से होकर आधा दर्जन गांव के लोग अपने काम को लेकर आते जाते है। इसी पुल से होकर बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल आते जाते हैं। बताया जाता है कि इस पुल की अत्यंत जर्जर दशा को देखते हुए यहां नया पुल बनाने के लिए ग्रामीणों ने कई बार पदाधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों को आवेदन दिया। इस पुल की दशा ठीक कराने के लिए ग्रामीण कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। लेकिन किसी ने इस पुल की दशा ठीक कराने की दिशा में पहल नहीं की। ग्रामीण पदाधिकारियों को आवेदन देकर यह आशंका जताते रहे कि इस पुल के ध्वस्त होने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों की यह आशंका शुक्रवार की सुबह सच साबित हो गई। बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह इस पुल को पार कर बच्चे स्कूल जा रहे थे। तभी पुल का एक हिस्सा भरभराकर टूट गया। जिससे पुल पार कर रहे आधा दर्जन बच्चे घायल हो गए। घायलों मे बनतैल निवासी नेहा कुमारी व निक्की कुमारी, रमगढ़वा निवासी चांदनी कुमारी ,अमरजीत प्रसाद ,विशाल कुमार तथा जयंत शामिल हैं। इस हादसे में घायल नेहा कुमारी तथा निक्की कुमारी की स्थिति गंभीर है । इनको इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट मे भर्ती किया गया है। इधर पुल का एक हिस्सा टूटने से बच्चों के घायल होने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि बार-बार आवेदन देने तथा प्रदर्शन करने के बाद भी इस पुल की दशा ठीक नहीं करायी गई। इस घटना के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं।