तथ्य को तोड़ मरोड़कर गलत रिपोर्ट सौंपने के आरोप में बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचायकोट से हाल ही में अवकाश प्राप्त करने वाले चिकित्सक डॉक्टर आरएल प्रसाद तथा कुचायकोट थाने के एएसआई नकुल प्रसाद सहित आठ लोगों के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा किया गया। न्यायालय ने आगे की सुनवाई के लिए अगली तिथि का निर्धारण कर दिया।
दायर केस में कुचायकोट थाने के ही करमैनी गाजी गांव के मनोज कुंवर ने आरोप लगाया है कि गत 6 दिसंबर 2020 को वादी और उसके भाई को लोहे के रॉड से मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। इस मामले को लेकर कुचायकोट थाने में कांड संख्या 470/2020 दर्ज किया गया। इस आपराधिक मामले में आरोपित लोगों ने न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन दिया। जमानत आवेदन की सुनवाई के समय न्यायालय से केस डायरी की मांग की गई थी। केस डायरी का नकल लेने पर पता चला कि जिस समय वादी और उसका भाई अस्पताल में भर्ती थे, उस समय 7 दिसम्बर को नौ बजे से 11 बजे दिन का समय दर्शाते हुए कांड के जांचकर्ता एएसआई नकुल प्रसाद ने घटनास्थल पर जाकर बयान दर्ज किए जाने के बात केस डायरी में दर्ज की थी। अलावा इसके डायरी में जो जख्म प्रतिवेदन दिया गया था वह डॉक्टर आरएल प्रसाद की तरफ से दिया गया था। जबकि घायल लोगों का इलाज महिला चिकित्सक ने किया था। दायर वाद में उन्होंने आरोपितों के मेल में आकर सहायक अवर निरीक्षक पर सही तथ्यों को कोर्ट के सामने नहीं लाने का आरोप लगाया है। साथ ही अवकाश प्राप्त चिकित्सक पर बिना इलाज किए ही फर्जी जख्म प्रतिवेदन देने का आरोप लगाया गया है।
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