कड़ाके की ठंड को प्रकोप शनिवार को पूरे दिन जारी रहा। इस बीच दिन के दस बजे हल्की धूप निकलने से लोगों को कुछ देर के लिए राहत मिली। बावजूद इसके सर्द हवा का वेग कम नहीं हुआ। तड़के कुछ समय के लिए हवा का प्रकोप थमा, तो घने कोहरे ने लोगों को परेशान किया। इस बीच हाईवे पर वाहनों परिचालन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। दिन के नौ बजे के बाद फिर सर्द हवाएं चलने लगीं। इसके कारण हल्की धूप के बावजूद ठंड का अहसास कम नहीं हुआ। धूप निकलने के बाद भी अधिकतम तापमान नहीं चढ़ा। न्यूनतम तापमान भी शनिवार की तड़के छह डिग्री रिकार्ड किया गया।
जिले में दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह तक ठंड का असर कुछ कम था। लेकिन दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह से पूरे जिले में ठंड का प्रकोप तेज हो गया है। इस बीच दिन तथा रात का तापमान में भी हर दिन गिरावट दर्ज हो रही है। शुक्रवार की रात इस मौसम की सबसे सर्द रातों में से एक रही। शुक्रवार की रात्रि तेज ठंडी हवा का प्रकोप जारी रहा। रात के आठ बजे शहरी इलाके से लेकर ग्रामीण इलाकों तक की सड़कें पूरी तरह से सुनी पड़ गई। इस बीच हवा की रफ्तार अधिक होने के कारण आधी रात के बाद पारा छह डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहा। शनिवार की सुबह घने कोहरे व तेज ठंड के कारण लोग अपने घरों में दुबके रहे। दिन चढ़ने के बाद हल्की धूप निकली। जिससे लोगों को कुछ राहत मिली। हालांकि दोपहर बाद तीन बजे फिर मौसम का मिजाज सर्द हो गया। सर्द हवाओं के कारण लेगों की कंपकंपी छूटती रही। सिपाया कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी कुछ दिन और मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। अभी और गिरेगा तापमान
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो उत्तर-पश्चिम में मौजूद पहाड़ों की ओर से चलने वाली हवाओं की वजह से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ी है। हवाओं में काफी अधिक नमी होने के कारण वातावरण में ठंडक दिख रही है। पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठंड अभी और बढ़ेगी। ऐसे में ठंड का प्रकोप अगले एक सप्ताह तक अधिक रहने की संभावना है।
ठंड में नहीं बरतें लापरवाही, रहें सतर्क:
कड़ाके की ठंड में थोड़ी सी भी लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में इस मौसम में चिकित्सक शरीर को गर्म कपड़ों से ढक कर रखने तथा इस मौसम में पूरी तरह से सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। चिकित्सक कैप्टन एसके झा ने बताया कि ठंड में ओढ़ने पहने में कोताही स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इस मौसम में सर्दी खांसी, बुखार, सांस संबंधित बीमारियों तथा निमोनिया का प्रकोप बढ़ जाता है। बीमारी की चपेट में आने पर चिकित्सक से इलाज जरूर करानी चाहिए, नहीं तो निमोनिया जैसी बीमारियां जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। वे कहते हैं कि शीतलहर में घर से बाहर निकलते समय विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पिछले सात दिनों में क्या रहा तापमान
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
13 दिसंबर 25.0 11.5
14 दिसंबर 24.5 10.0
15 दिसंबर 24.5 10.8
16 दिसंबर 25.0 10.0
17 दिसंबर 24.1 8.0
18 दिसंबर 22.0 7.0
19 दिसंबर 21.0 6.0
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