वाल्मिकी नगर बराज से पानी छोड़े जाने का सिलसिला शुरू होते ही गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इसके साथ ही दियारा के निचले इलाके में स्थित गांवों में गंडक नदी का पानी घुसने लगा है। सोमवार की सुबह सदर प्रखंड के दियारा इलाके के छह गांवों में नदी का पानी का घुस गया। जिससे इस गांवों में अफरा तफरी का माहौल बन गया है। ग्रामीण गांव छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। इसके साथ ही निचले इलाके के अन्य गांवों से ग्रामीणों का पलायन शुरू हो गया है। गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दियारा इलाके में दहशत का माहौल बनने लगा है।
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नेपाल के तराई इलाके में बारिश शुरू होने के साथ ही बाल्मिकी नगर बराज से गंडक नदी का पानी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। रविवार को वाल्मिकी नगर बराज से 1.76 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे सोमवार की सुबह गंडक नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। गंडक नदी का पानी निचले इलाके के खाप, मकसूदपुर, डोमाहाता, मझरिया, सेमराही सहित अगल बगल के छह गांवों में घुस गया। गांव में पानी घुसते ही अफरा तफरी मच गई है। ग्रामीण गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे हैं। सदर प्रखंड की कटघरवा पंचायत के मुखिया राजेश सहनी ने बताया कि रविवार की देर रात से ही गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया था। सोमवार की सुबह निचले इलाके के गांवों में नदी का पानी घुसने लगा। गांवों में पानी घुसने के बाद छोटे- छोटे नाव की मदद से लोगों को ऊंचे स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने की सूचना सदर सीओ विजय कुमार सिंह व बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर को दे दिया गया है। सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है।
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नदी के तट पर लगाया गया जियो बैग पानी में डूबा:
कटाव रोकने के लिए नदी के तट पर लगाया गया जियो बैग गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी में डूब गया है। दियारे इलाके में रहने वाले लोगों ने बताया कि सरकार दियारा के इलाके के लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए लाखों रुपया खर्च करती है। लाखों रुपया खर्च कर तट पर जियो बैग लगाया गया। जो अब नदी में विलीन हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जियो बैग लगाने में मानक के अनुसार काम नहीं किया गया है। प्रशासन को इसकी जांच कराकर एजेंसी पर कार्रवाई करनी चाहिए।