इस दौरान उन लोगों की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हो गई। नाराज सुनीता देवी ने अपने हाथों से चूड़ियां निकालकर पुलिस के टेबुल पर रख दी। परिजनों ने टेबल पर रखे कागजात भी इधर- उधर फेंक दिया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। काफी जद्दोजहद के बाद लोग ज्ञापन सौंप कर वापस लौट गए। इस दौरान करीब 40 मिनट तक थाने पर अफरा-तफरी मची रही । बताया जाता है कि एक वर्ष पूर्व हुई पति की हत्या में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रामाश्रय सिंह की पत्नी सुनीता देवी परिजनों के साथ मशाल जुलूस निकालकर ज्ञापन देने थाना पहुंची थीं। मशाल जुलूस उनके आवास से निकलकर भोरे चारमोहनी होते हुए थाना परिसर में पहुंचा था।
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थाना परिसर में पहुंचते ही गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजन आक्रोशित होकर थानाध्यक्ष जंगो राम से उलझ गए। वहां पड़े टेबल को समर्थकों ने उलटने की कोशिश की, जिससे टेबल पर रखे कागजात इधर-उधर बिखर गए। पुलिस के साथ परिजनों की तीखी नोक-झोंक भी हो गई। परिजनों का कहना था कि घटना के एक वर्ष बाद तक एक भी नामजद आरोपित गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। परिजनों ने हाई कोर्ट के एक आदेश की प्रति भी थानाध्यक्ष को सौंपते हुए कहा कि हाई कोर्ट द्वारा किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। बाद में कुछ बुद्धिजीवियों के समझाने-बुझाने पर परिजन शांत हुए। थानाध्यक्ष जंगो राम ने परिजनों को समझाते हुए बताया कि मामले के नामजद आरोपितों के खिलाफ सीआईडी के एडीजी की देखरेख में 25 बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मालूम हो कि 13 जून 2019 को रामाश्रय सिंह की हत्या उनके ही निर्माणाधीन पेट्रोल पंप पर गोली मार कर दी गई थी।