डोर टू डोर सर्वे अभियान का डीआईओ व यूनिसेफ की टीम ने किया निरीक्षण
• बरौली प्रखंड के कई गांव का किया दौरा
गोपालगंज के सभी प्रखंडों में चल रहा है डोर टू डोर सर्वे अभियान
गोपालगंज। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डोर टू डोर सर्वे अभियान की शुरुआत की गई है । जिले के सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य उत्प्रेरको द्वारा घर घर जाकर कोरोना के संदिग्ध लक्षण वाले मरीजों की सर्वे की जा रही है। शनिवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शक्ति कुमार सिंह, यूनिसेफ के एसएमसी रूबी कुमारी तथा बरौली के बीसीएम रसीद के द्वारा डोर टू डोर सर्वे अभियान का निरीक्षण किया गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि बरौली प्रखंड के चैनपुर पंचायत अंतर्गत बटरडेह, मिर्जापुर, सोनबरसा समेत अन्य गांवों में चल रहे डोर टू डोर सर्वे अभियान का जायजा लिया गया है तथा सर्वे दलों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। डीआईओ ने सभी कर्मियों को बेहतर तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सर्वे के दौरान एक भी घर छूटना नहीं चाहिए। प्रत्येक घरों में जाकर लोगों से जानकारी ली जाए तथा कोरोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग सुनिश्चित कराई जाए।यूनिसेफ के एसएमसी रूबी कुमारी ने बताया कि बरौली प्रखंड के इन गांवों में हाउस टू हाउस सर्वे टीम नंबर 3, 4 और 13 के द्वारा कार्य किया जा रहा है।
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संदिग्ध व्यक्तियों की घरों की हो रही मार्किंग:
एसएमसी रूबी कुमारी ने बताया कि सर्वे कार्य के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा कोविड 19 फॉर्म उपलब्ध कराये गये हैं। इसमें तीन स्तरों पर सूचना एकत्रित किया जा रहा है। कोविड-19 फॉर्म के तहत पहला प्रपत्र स्थानीय स्तर पर नियुक्त किये गये दलकर्मी भर रहे है। कोविड 19 फॉर्म के तहत 2, 3 व 3 ए व 4 प्रपत्र को पर्यवेक्षक व फॉर्म 5 जिला स्तर पर भरने का काम किया जा रहा है। सर्वे के दौरान प्रत्येक घर में हाउस मार्किंग की जा रही है। संदिग्ध पाये गये व्यक्तियों के घरों पर मार्किंग की जा रही है।
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कोरोना वायरस के संदिग्धों की हो रही है स्क्रीनिंग:
सर्वे के दौरान करोना संक्रमण के संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग तथा टेस्टिंग की जा रही है। कोविड फॉर्म 3 एवं 3 एक में दर्ज आंकड़ों में संदिग्ध लक्षणों के साथ पाये गये व्यक्तियों को कोरेंटाइन करते हुए प्रखंड स्तरीय चिकित्सकों की टीम द्वारा स्क्रीनिंग की जा रही है। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल सैंपल भी लिया जा रहा है।