जहरीली शराब कांड से चर्चा में आए शहर का खजुरवानी गांव अब अन्य गांवों को राह दिखाएगा। पुलिस साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत शनिवार को पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने खजुरवानी गांव को गोद लिया। इस मौके पर इस गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल के परिसर में पुलिस ने जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। जिसका उद्घाटन पुलिस अधीक्षक ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। पुलिस अधीक्षक द्वारा अपने गांव को गोद लिए जाने से लोगों के चेहरे पर खुशियां साफ झलकती रही। उद्धाटन कार्यक्रम के बाद लोगों को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने कहा कि कुछ वर्ष पहले खजुरवानी में एक दुखद घटना हुई थी। इस दुखद घटना से लड़ने के लिए हम लोगों ने इस गांव को गोद लेने का फैसला किया है।
पुलिस इस गांव के लोगों को जागरूक कर जागरण फैलाएगी ताकि खजुरवानी गांव और आगे बढ़े और यहां फैली जागरण का असर आस-पास के गांव तक दिखे। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए इस पूरे सप्ताह हम लोग इस गांव में विभिन्न तरह के कार्यक्रम करेंगे। बिहार पुलिस सप्ताह के अवसर पर हम लोग ऐसा कार्यक्रम करेंगे, जिससे लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास पैदा हो सके और सरकार के प्रति इनका विश्वास मजबूत हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस साप्ताहिक कार्यक्रम के तहत पुलिस इस गांव के प्राइमरी स्कूल में क्लास भी लेगी। इस मौके पर शराब, बाल विवाद तथा दहेज के खिलाफ बच्चों ने कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से जल जीवन हरियाली योजना के प्रति भी लोगों को जागरूक किया गया। जागरुकता कार्यक्रम में एसडीपीओ नरेश पासवान, नगर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार सहित काफी संख्या में खजुरवानी गांव के निवासी मौजूद रहे।
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खजुरवानी में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की हुई थी मौत:
शहर के जिस खजुरवानी गांव को पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने गोद लिया है, वह चार साल पूर्व जहरीली शराब कांड के कारण पूरे सूबे में चर्चा में आ गया था। तक इस गांव में व्यापक पैमाने पर कच्ची दारू बनाई जाती थी। 15 अगस्त 2016 की रात यहां बनी जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गई थी। जहरीली शराब पीने से छह लोगों की आंख की रोशनी चली गई। जहरीली शराब कांड में दस लोगों को आरोपित बनाया गया। आरोपित के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।