पांच दिवसीय पल्स पोलिया अभियान की हुई शुरूआत, सीएस ने बच्चों को पिलाई “जिन्दगी की दो बूंद”
• 3 लाख से अधिक बच्चों को पिलाई जायेगी पोलियो की दवा
• घर-घर जाकर पिलाई जायेगी दवा
• जिलास्तर पर होगी अभियान मॉनिटरिंग
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गोपालगंज। जिले में पांच दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने बच्चों को दवा पिलाकर की। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि सभी नवजात शिशुओं के साथ-साथ शून्य से 05 वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को पोलियो की खुराक पिलायी जाय, ताकि किसी भी बच्चे को खतरनाक पोलियो बीमारी अपना शिकार न बना पाये और देश से हमेशा-हमेशा के लिए पोलियो का उन्मूलन हो जाये। उन्होंने कहा कि बूथों पर टीमें अपने-अपने क्षेत्र में बच्चों के टीकाकरण को लेकर सतर्क रहें, जिससे कोई बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रह जाएं। सिविल सर्जन ने बताया कि जिले भर में बूथ निर्धारित किये गये हैं, जहां स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी व अन्य कर्मचारियों की टीमें बनायीं गयी हैं। बूथ दिवस से अगले दिन 20 जनवरी से 25 जनवरी तक डोर डू डोर भ्रमण कर छूटे हुए बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इसके बाद भी जो बच्चे रह जाएंगे, उन्हें 25 जनवरी के बाद बी टीम द्वारा दवा पिलाई जाएगी। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर प्रसाद सिंह, डीआईओ डॉ. शक्ति सिंह, डीपीएम धीरज कुमार, डीएमएनई जयंत कुमार चौहान, यूनिसेफ एसएमसी रूबी कुमारी, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. विजय शाहू, डीटीओ पीएन, हेल्थ मैनेजर अमरेंद्र कुमार सिंह, डाटा असिस्टेंट मिथिलेश कुमार सिंह, अमित तिवारी समेत अन्य चिकित्साकर्मी मौजूद थे।
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आंकड़ों में जानिए:
• लक्षित घर: 432384
• लक्षित बच्चे: 396210
• डोर-टू-डोर टीम: 1049
• ट्रांजिट टीम: 350
• ट्रांजिट प्वाइंट: 75
• सुपरवाइजर: 356
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व ईंट भट्टों पर जाकर पिलायी जायेगी दवा:
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चैराहों पर पोलियो की दवा पिलाने के लिए ट्रांजिट बूथ बनाए गए हैं। ईंट-भट्ठों आदि पर बच्चों को तलाश कर पोलियो की दवा पिलाने के लिए मोबाइल टीम का गठन किया गया है।
यूनिसेफ के एसएमसी रूबी कुमारी ने बताया कि यह दवा पांच वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों के लिए आवश्यक है। पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बार-बार खुराक पिलाने से पूरे क्षेत्र में इस बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, जो कि पोलियो के विषाणु को पनपने से रोकती है। विभाग की पूरी कोशिश है कि पांच साल तक का कोई भी बच्चा पोलियो की दवा पीने से वंचित न रहे। इसके लिए सभी टीमों को निर्देशित किया गया है।