कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पीछे बड़े पैमाने पर अस्पताल की दवाइयां जलाने और फेंक दिए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है। दवाइयों में एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जी सिरप सहित कई तरह की टेबलेट और इंजेक्शन शामिल हैं। लोगों का कहना है कि अस्पताल से मरीजों को दवाइयां नहीं दी जाती हैं। दवाइयों को बाजार में बेच दिया जाता है और बची दवाइयों को कूड़ा में फेंक दिया जाता है।
बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह कुछ लोगों ने अधजले सिरप, टेबलेट और इंजेक्शन अस्पताल के पीछे कूड़े के ढे़र पर फेंका हुआ देखा। इस बात की जानकारी धीरे-धीरे बाजार वासियों को हुई। मौके पर काफी संख्या में लोग पहुंच गए। लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाने लगे। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर कुचायकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक अजीत कुमार ने कहा कि उन्हें इस तरह किसी दवा के फेंके जाने के बारे में जानकारी नहीं है। पूरे मामले की जानकारी ली जा रही है। जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।