पाकिस्तान के करांची शहर से टूरिस्ट वीजा पर गोपालगंज आये एक पाक नागरिक फर्जी कागजात यहां के लोगों के सहयोग से बनाकर इंडियन बन गया. उसने उचकागांव थाने के वृंदावन गांव का निवासी बनकर वोटर कार्ड, आधार व अन्य दस्तावेज बनाकर पूर्वजों के नाम की जमीन रजिस्ट्री कर दी.
जमीन बेचने के बाद चुपके से पाक लौट गया. प्रशासनिक स्तर पर की गयी कार्रवाई की फाइल तलाश की जा रही है. अधिकारियों की ओर से कार्रवाई की समीक्षा की जायेगी. उधर, सुरक्षा एजेंसियां भी इस प्रकरण को खंगाल रही हैं.
खुफिया एजेंसियों के स्तर पर भी साक्ष्यों को जुटाया जा रहा है. उस फर्जीवाड़े में लिप्त कई लोग कानून में छेद का लाभ उठाकर अभी कार्रवाई की जद से बाहर हैं. वृंदावन में फर्जीवाड़ा कर बेची गयी जमीन को प्रशासन शत्रु संपत्ति भी घोषित नहीं कर सका है.
सामान्य शाखा के प्रभारी प्रमोद कुमार ने बताया कि बुधवार को इस मामले में समीक्षा कर आगे की कार्रवाई पूरी की जायेगी. प्राथमिकी के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई करते हुए सब रजिस्ट्रार ने पाकिस्तानी नागरिक की जमीन का निबंधन रद्द कर दिया गया.
साथ ही डीएम ने सीओ थावे से मामले की जांच करायी. सीओ से जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद पाकिस्तानी नागरिक की जमीन की शत्रु संपत्ति घोषित कर उसे जब्त करने की कार्रवाई करने की अनुशंसा की. बाद में डीएम के तबादले के बाद कार्रवाई फाइलों में दब गयी थी. उधर, पुलिस के स्तर पर की गयी कार्रवाई की खोजबीन शुरू होने से कई लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्या है पूरा मामला:
वृंदावन से कराची के नगरी थाना क्षेत्र के नार्थ करायी पीएस में जाकर बस गया. पाकिस्तान जाने के बाद उसका पूरा परिवार वहां का नागरिक बन गया. इसी बीच कराची निवासी शमसुल कमर को जानकारी मिली कि वृंदावन में अब भी उसके नाम से कुछ पुश्तैनी जमीन है.
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वह टूरिस्ट वीजा लेकर 16 जून, 2013 को वृंदावन पहुंच गया. तीन महीने रहने के बाद 16 अगस्त, 2013 को उसने अपनी पहचान छुपाकर खुद को इंडियन बनकर रजिस्ट्री कचहरी में पैसा लेकर अपनी जमीन दूसरे के नाम रजिस्ट्री करा दी और वापस पाकिस्तान चला गया.
इधर जब इस मामले की जानकारी हुई तो कांड की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी रहे कृष्ण मोहन ने जांच करायी. मामला सही पाये जाने पर डीएम के आदेश पर अवर निबंधन पदाधिकारी अमित कुमार सिन्हा ने पाकिस्तानी नागरिक समसुल कमर, उचकागांव थाने के वृंदावन निवासी नबीहसन, रामबचन चौधरी तथा चितरंजन प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. जंगलिया के डीड राइटर भी कार्रवाई की जद में आ गये.