पुलिस ने देश-विदेशों से खाते में पैसा मंगानेवाले जिले के आठ साइबर अपराधियों की पहचान कर ली है. इनमें एक साइबर अपराधी को मांझा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार साइबर अपराधी नगर थाने के चौराव गांव निवासी इरफान अली बताया गया है. पुलिस ने इसके पास से 15 विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड और मोबाइल को बरामद किये हैं. इरफान ने पुलिस को पूछताछ के दौरान कई खुलासे किये हैं.
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उसने पुलिस को बताया कि वह कमीशन के रूप में काम करता है. देश के विभिन्न शहरों के अलावा विदेशों से साइबर अपराधियों के द्वारा पैसा मंगाया जाता था. एटीएम कार्ड के जरिये पैसों की निकासी होती थी. किस-किस देश से पैसा मंगाया जा रहा था, इसका खुलासा नहीं हो सका है. मांझा के थानाध्यक्ष छोटन कुमार ने इस मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी है, जिसमें एक जनवरी को एसबीआइ की एटीएम के पास संदिग्ध अवस्था में इरफान अली को गिरफ्तार किये जाने की बात कही है.
इन साइबर अपराधियों के सामने आये नाम
इरफान ने पुलिस को बताया कि साइबर अपराध में मांझा के आदमापुर का कौशल आलम टीम चलाता है. इसके पास निलेश सिंह के जरिये वह पहुंचा था. निलेश सिंह ने साइबर अपराध से जुड़े ग्यासुद्दीन, शहजाद अली, बेलदारी, जाने हुसैन व अखिलेश गिरि से संपर्क कराया. इन सभी के पास विभिन्न बैंकों के 100 से 150 एटीएम कार्ड हैं. फिलहाल ये सभी अपराधी पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
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ताईद से रईस बनने के लालच में बन बैठा साइबर अपराधी
इरफान अली ने 12वीं तक पढ़ाई की है. वह कचहरी में ताईद का काम करता था. पुलिस को उसने बताया कि पैसा कम मिलता था. अधिक पैसा कमाने के लालच में उसने यह काम शुरू किया. फिलहाल पुलिस ने इसे जेल भेज दिया है. जेल जाने से पहले कोर्ट के पास पुलिस कस्टडी में कई युवकों ने इससे मुलाकात भी की. हालांकि मांझा के थानाध्यक्ष को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होंने सुरक्षा में गयी पुलिस को फटकार लगायी.
ये बातें कभी न करें साझा : बैंक की खाता संख्या, एटीएम पिन, वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी), सीवीवी नंबर (एटीएम के पीछे तीन अंक), आधार नंबर की जानकारी कभी भी किसी को नहीं देनी चाहिए.
क्या है साइबर क्राइम
इंटरनेट के जरिये किये जानेवाले अपराध को साइबर क्राइम कहा जाता है. फेसबुक पर अश्लील तस्वीर, मैसेज, वीडियो अपलोड करना इसी श्रेणी में आता है. इसके अलावा बैंक की जानकारी से लेकर पैसा निकालना, क्रेडिट कार्ड हैक कर खरीदारी करना, कंप्यूटर हैक करना साइबर क्राइम हैं.
सोशल साइट्स पर चैटिंग करनेवालों की पहचान संभव नहीं है. तकनीक से यह तो पता लगाया जा सकता है कि किस कंप्यूटर या किस नंबर के मोबाइल से ऑनलाइन ठगी की गयी है, लेकिन कौन उपयोग कर रहा था, यह खुलासा करने की तकनीक ही नहीं है.
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इस तरह से सुरक्षित रखें अपना बैंक खाता
अपने सभी कार्ड के लिए सुरक्षित पिन नंबर रखें.
बिल देते समय संदिग्ध दिखाई दे, तो तुरंत क्रेडिट कार्ड देनेवाली कंपनी से संपर्क करें, जिससे बैंक भुगतान को रोक सके.
सुनिश्चित करते रहें कि आपका मेल बॉक्स सुरक्षित है या नहीं.
बिल, रेलवे टिकट, एटीएम से निकली बची रकम की परची न फेंके.
कॉल करनेवाले अजनबी या जानने वाले को अपना कार्ड नंबर कभी न दें.
-कॉल करनेवाला खुद को बैंक अधिकारी बताये तो भी नहीं बताये, बैंक केवल एक बार ही ग्राहक से जानकारी लेता है.
32 एटीएम कार्डों के साथ हुए थे दो गिरफ्तार
नगर थाना पुलिस ने पिछले वर्ष बरौली थाने के बेलसड़ गांव से सोनू आलम व नगर थाने के खजुरिया से मुन्ना अहमद को विभिन्न बैंकों के 32 एटीएम कार्ड के साथ गिरफ्तार किया था. पुलिस मास्टरमाइंड तक नहीं पहुंच सकी थी. इधर, दो दिन पूर्व साइबर क्राइम को लेकर मांझा के पथरा गांव से विशेष टीम ने एक युवक को गिरफ्तार किया था.