नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सोमवार को शहर में बड़ा विरोध मार्च निकाला गया। सड़क पर उतरे लोगों ने केन्द्र व राज्य सरकार के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। चौक-चौराहे पर उग्र प्रदर्शन किया। शहर के आंबेडकर चौक से सुबह ग्यारह बजे मार्च शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों की लंबी कतार के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अस्त -व्यस्त हो गई। हाथों में तख्ती बैनर लगाए प्रदर्शकारी लगातार मार्च में शामिल होने के लिए पहुंच रहे थे। मार्च के आगे-आगे पिकअप पर सवार प्रदर्शनकारी तालियां बजा कर प्रदर्शन कर रहे थे। मार्च आंबेडकर चौक से पोस्टऑफिस चौक होते हुए मौनिया चौक पर पहुंचा। फिर पुरानी बाजार व घोष मोड़ होते हुए पुन: आंबेडकर चौक पर समाप्त हो गया। मार्च में उमड़ी भारी भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन व पुलिस के पदाधिकारी परेशान रहे। कई जगहों पर ट्रैफिक को रोक कर मार्च को आगे बढ़ाया गया। स्थिति को काबू में करने के लिए सदर सीओ विजय कुमार,बीडीओ पंकज कुमार शक्तिधर के अलावे कई थानों के थानाध्यक्षों को लगाया गया था।
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नारे लिखे तख्तियों के साथ किया प्रदर्शन
विरोध मार्च में ‘नहीं चाहिए कैब’, ‘एक देश एक समाज’, ‘हम सब एक हैं’ व ‘समाज बांटना बंद करो’ की तख्तियां व तिरंगा झंडा हाथ में ले कर प्रदर्शन कर रहे थे। शहर के घोष मोड़ पर विरोध मार्च के पहुंचते ही कई प्रदर्शन कर सड़क पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि केन्द्र सरकार समाज को बांट रही है। समानता के अधिकार को खत्म कर रही है। जब तक सरकार एनआरसी व कैब कानून को वापस नहीं लेती,शांतिपूर्ण तरीके विरोध जारी रहेगा। आंबेडकर चौक पर भी प्रदर्शन किया गया। चौक पर नुक्कड़ सभा भी हुई। जिसमें आंदोलनकारियों ने देश के लिए एनआरसी व कैब को काला कानून करार देते हुए इसे वापस लेने की जोरदार आवाज उठाई।