औषधियों व उपकरणों के समुचित इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए स्टैंर्डड फॉर्मेट का होगा इस्तेमाल
• प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व स्टोरकीपर को दी गयी ट्रेनिंग
• केयर इंडिया द्वारा किया जा रहा कार्यान्वयन एवं कर्मियों के क्षमता वर्धन
गोपालगंज/ 24 नवम्बर: जिले में बड़ी आबादी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा प्रदान की जा रही चिकित्सकीय सेवाओं एवं सुविधाओं पर निर्भर है। ऐसी दशा में सरकार द्वारा लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। इसके लिए स्वास्थ्य केन्द्रों में दवाओं एवं जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों की निगरानी एवं इसकी समय से उपलब्धता बेहद जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के द्वारा के एक नयी पहल की गयी है। इसके लिए इ-औषधि के तहत ऑनलाइन दवाओं एवं उपकरणों की जानकारी उपलब्ध करायी गयी है. साथ में स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध दवाओं एवं उपकरणों की इसके माध्यम से निगरानी भी की जा रही है.[the_ad id=”10743″]
रजिस्टर में भी भरना होगा विवरण : औषधियों एवं उपकरणों की ऑनलाइन विवरण के साथ इसका विवरण रजिस्टर में भी भरने की सलाह दी गयी है. इसके लिए कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने राज्य के 5 जिलों को अस्पतालों में औषधियों व चिकित्सकीय सामग्रियों के समुचित इन्वेंटरी प्रबंधन के लिए प्रिंटेड रजिस्टर का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिया है. इसमें पूर्वी चंपारण, बांका, कैमूर, गोपालगंज एवं जमुई जिला शामिल है. केयर इंडिया के तरफ से जिला को स्वास्थ्य समिति को स्टॉक रजिस्टर,इंडेंट बुक, इंस्पेक्शन नोट, स्टॉक कार्ड उपलब्ध करायी गयी है। जिसका इस्तेमाल जिले के सभी अस्पतालों में किया जायेगा।[the_ad id=”10743″]
गोपालगंज में दिया गया प्रशिक्षण:
केयर इंडिया के डीटीओ-एफ डॉ. गीतिका ने बताया कि जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों व स्टोर कीपर को प्रिंटेड रजिस्टर के इस्तेमाल के बारे में जानकारी दी गयी है। गोपालगंज में केयर के द्वारा 407 स्टॉक रजिस्टर जिसमें सौ पेज के 205 व 500 पेज 202 उपलब्ध कराये गये हैं। वहीं 367 इंडेट बुक जिसमें 50 पेज के 205 व 100 पेज के 163, व एक इंस्पेक्शन नोट तथा 500 स्टॉक कार्ड जिला स्वास्थ्य समिति को उपलब्ध कराया गया है।[the_ad id=”10743″]
प्रतिमाह होगी समीक्षा:
इन्वेंटरी रिकॉर्ड के उपयोगिता की समीक्षा प्रत्येक माह होने वाले जिलास्तरीय ई-औषधि समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन द्वारा किया जाएगा. साथ ही केयर इंडिया में माध्यम से 6 माह में इसका मूल्यांकन कर प्रगति प्रतिवेदन से राज्य स्वास्थ्य प्रतिवेदन से राज्य स्वास्थ्य समिति को अवगत कराना होगा.
दवाओं व उपकरणों की जानकारी ऑनलाइन:
ई-औषधि एवं ई-उपकरण की शुरुआत की गयी है। जिला एवं प्रखंड स्तरीय अस्पतालों में दवाओं एवं उपकरणों की सूचनाओं को ऑनलाइन कर इसे अधिक पारदर्शी बनाने की पहल की गयी है। इससे दवाओं एवं जरूरी उपकरणों की माँग एवं वर्तमान स्टॉक का पता चल सकेगा, जिससे आपूर्ति सुनिश्चित करने में आसानी होगी।[the_ad id=”10743″]
निगरानी के साथ पारदर्शिता में बढ़ोतरी :
दवाओं एवं उपकरणों की जानकारी ऑनलाइन होने से स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध दवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी। चिकित्सकों द्वारा लिखे जाने वाले दवा पर्ची को ऑनलाइन करने से दवाओं की वास्तविक माँग का पता चलेगा। दवा के डिमांड के अनुसार आपूर्ति किए जाने पर पूरा विवरण पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज हो जाएगा। इससे जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर द्वारा स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध दवाओं की निगरानी के साथ पारदर्शिता में बढ़ोतरी होगी। इससे दवाओं की एक्सपायरी का भी पता चलेगा एवं एक्सपायर होने वाली दवाओं की उपलब्धता खपत से पहले की जा सकेगी।
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