जिले में आईसीडीएस-केस होगा लॉंच
आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
स्वास्थ्य संवाददाता गनपत की रिपोर्ट: आंगनबाड़ी सेविकाओं को अब रजिस्टर संभालने से मुक्ति मिलेगी। सेविकाएं मोबाइल से ही सारी एंट्री कर पाएगी। जिले में इस साल के अंत तक आईसीडीएस-केस (कॉमन एप्लिकेशन सिस्टम) की शुरुआत की जाएगी। आईसीडीएस-केस की शुरुआत होने के बाद सभी आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका के लिए इंसेंटिव का भी प्रावधान किया जाएगा।
रजिस्टर संभालने से मिलेगी मुक्ति:
आईसीडीएस-केस की शुरुआत होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रजिस्टर संभालने से मुक्ति मिलेगी। कुल 11 रजिस्टरों में से 10 रजिस्टर ऑनलाइन हो जाएंगे। जिससे आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवा प्रदायगी पर अधिक ध्यान देने के लिए अतिरिक्त समय भी मिल पाएगा।
रियल मॉनिटरिंग होगी संभव:
आईसीडीएस-केस एप्लीकेशन से आईसीडीएस सेवाओं की ऑनलाइन एंट्री शुरू होगी जिससे प्रदान की जाने वाली सेवाओं के कुशल प्रबंधन के साथ उन सेवाओं की ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर बेहतर निगरानी सुनिश्चित करने में आसानी होगी. इससे प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सशक्त करने में मदद तो मिलेगी ही साथ में पोषाहार परिणामों की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी.
हेल्प डेस्क का होगा निर्माण:
आईसीडीएस-केस एप्लीकेशन को प्रभावी रूप से संचालित किये जाने के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर हेल्पडेस्क भी बनाए जाएंगे। इनकी सहायता से . स्मार्टफोन की उपलब्धता, इसके रख-रखाव एवं समस्या प्रबंधन की निगरानी की जाएगी। साथ ही आईसीडीएस-केस डैशबोर्ड से डाटा समीक्षा एवं एप्लीकेशन इस्तेमाल को हर स्तर पर सुनिश्चित कराने का प्रयास भी किया जाएगा।
तय मानक हासिल करने पर मिलेगा इंसेंटिव:
आईसीडीएस-केस से जुड़ने के बाद जिलों में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को इंसेंटिव प्रदान की जाएगी। इंसेंटिव प्रदान करने के लिए कुछ मानक तैयार किए गए हैं। आंगनबाड़ी सेविका को प्रतिमाह 500 रुपए प्रतिमाह इंसेंटिव देने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए सेविका को अपने पोषक क्षेत्र के कुल बच्चों में 60 प्रतिशत बच्चों का वजन एवं कार्य योजना के मुताबिक 60 प्रतिशत घरों का दौरा करना अनिवार्य है। साथ ही आंगनबाड़ी सहायिका को प्रतिमाह 21 दिन आंगनबाड़ी केंद्र खोलने पर 250 रुपए इंसेंटिव के तौर पर देने का प्रावधान किया गया है।
वर्ष के आखिरी तक होगी शुरुआत : मन्त्रेश्वर झा तकनीकी सलाहकार पोषण अभियान ने बताया आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव कि शुरुआत की गयी है। फ़िलहाल राज्य के 13 आकांक्षी जिलों सहित कुल 18 जिलों में यह सुविधा प्रदान कराई जा रही है, जहां आईसीडीएस-केस(कॉमन एप्पलीकेशन सिस्टम) की शुरुआत हो चुकी है। शेष बचे 20 जिलों में नवम्बर से दिसम्बर माह तक आईसीडीएस-केस की शुरुआत हो जाएगी।