जन-जागरूकता से ही दूर होगा कुपोषण
विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गए पोषण स्टाल
पोषक तत्त्वों से कुपोषण दूर करने की दी गयी जानकारी
स्वास्थ्य संवादाता गनपत की रिपोर्ट: जिले में पोषण अभियान के तहत सभी प्रखंडों में पोषण मेला का आयोजन किया गया। मेले में शिक्षा विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, आईसीडीएस, कृषि विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं जीविका द्वारा पोषण पर सन्देश देने के लिए अलग-अलग स्टाल लगाए गये। जिले के सदर प्रखंड, कुचायकोट, उच्चकागांव, विजयपुर, फुलवरिया, हथुआ, मांझा, सिधवलिया समेत सभी प्रखंडों में प्रखंडस्तरीय पोषण मेला लगाया गया। सदर प्रखंड में कार्यालय में लगाये गये पोषण मेला का शुभारंभ डीपीओ शम्स जावेद अंसारी ने किया।
आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शम्स जावेद अंसारी ने विभिन्न विभागों द्वारा पोषण मेले में स्टाल लगाकर पोषण के सन्देश को बुलंद किये जाने पर सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होने कहा महिला, शिशु एवं किशोर को सुपोषित करने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 1 से 30 सितंबर तक पोषण माह चलाया जा रहा है। जिसमें विभिन्न कार्यकमों के माध्यम से जिले को कुपोषण के दंश से बचाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए सहयोगी विभागों द्वारा पोषण पर जागरूकता फ़ैलाने के साथ सामुदायिक पोषण में सुधार भी सुनश्चित की गयी है। पोषण मेले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाये गए स्टाल में पोषण पर जानकारी के साथ बच्चों एवं माताओं की जाँच सुविधा उपलब्ध करायी गयी। शिक्षा विभाग द्वारा पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से जानकारी दी गयी। आईसीडीएस एवं कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग स्टालों पर पोषण पर जानकारी के साथ विभिन्न फल, सब्जी एवं पोषक आहार लागए गए। साथ ही महिलाओं एवं शिशुओं को पोषक आहार भी वितरित किया गया।
मेले में दी गयी ये जानकारी:
मेला में मौजूद महिलाओं को बताया गया कि शिशुओं को छह माह तक मां का दूध ही दें। उसके बाद ऊपरी आहार दें। इसके साथ ही नियमित टीकाकरण कराएं।इस अवसर पर रंगोली, ड्राइंग, पेंटिंग और पोषण पर प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जागरूकता पैदा की गयी। वहीं बताया गया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का नियमित वजन करवाएं तथा खून की कमी होने पर पौष्टिक आहार जैसे सोयाबीन, केला, दूध आदि का आहार दें।
कुपोषण से बचने के लिए पौष्टिक आहार जरूरी:
कुपोषण से बचने के लिए किसी भी व्यक्ति के आहार में पोषक तत्वों की सही मात्रा होनी चाहिए। भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज सहित पर्याप्त पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिये। मेले में पोषक खाद्य पदार्थो की प्रदर्शनी भी लगाई गई। आँगनबाड़ी केन्द्र से स्वादिष्ट व पौष्टिक पोषाहार का नियमित वितरण कराया जा रहा है, तो अतिकुपोषित बच्चों की विशेष निगरानी की जा रही है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं व धात्री महिलाओं को भी पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, ताकि कोख में पलने वाला बच्चा कुपोषण का शिकार न हो सके। अब सरकार ने पोषण माह अभियान के जरिए कुपोषण के खिला़फ जंग का एलान किया है।
घर-घर पोषण हर घर रौशन का किया आह्वान:
इस अवसर पर सभी ने मिलकर घर घर पोषण हर घर रोशन का भी आह्वान किया। बच्चो को कुपोषण से बचाने के लिए उन्हें पोषण तत्त्व देना ज़रूरी है जिसके लिए सरकार द्वारा चलायी गयी योजनाओं को प्रशासन जन- जन तक पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।